इस बड़ी उपलब्धी को हासिल तो कर लिया एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश पाण्डेय और इस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्रा ने, मगर विभाग के ही कुछ लोगो की आँख में बन गए किरकिरी
ए0 जावेद
वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के दशाश्वमेघ एसीपी अवधेश कुमार पाण्डेय के प्रयास से और उनके निर्देशन में चौक इस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा की कोशिशो से वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट को एक बड़ी उपलब्धी हासिल हुई है। मगर इस उपलब्धी को विभाग के ही कुछ् हज़म नही कर पाए इसको जानकार हर एक समझदार के हंसी छुट जा रही है। स्ट्रीम लाइट और खुद की वाह वाही से दूर वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से सीखा हासिल करते हुवे बहरहाल एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश पाण्डेय और इस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्रा ने वर्षो के बुराई पर अच्छाई की जीत पाई है।
मामला कुछ इस प्रकार है कि थाना लक्सा क्षेत्र स्थित सूरज कुंड विगत लगभग एक दशक से जुआ और गांजाबाज़ी का अड्डा बना हुआ था। शिकायते मिलती और एसीपी दशाश्वमेघ मौके पर पुलिस को भेजते तो कई रास्तो का फायदा उठाते हुवे ये असामाजिक तत्व निकल जाते। पुलिस के मौके से हट जाते ही दुबारा कारोबार और नशेबाजी चालू हो जाती। रोज़ रोज़ की इस समस्या से सभी परेशान थे। सुबह के बाद इलाके के श्रद्धालु दर्शन करने जाने से कतराने लगे। ये असामाजिक तत्व थोडा मनबढ़ और दबंग थे तो किसी के बोलने की हिम्मत नही होती थी।
आखिर रोज़ रोज़ की शिकायत से तंग आकर एसीपी दशाश्वमेघ ने इसका परफेक्ट उपाय लगा दिया। इस उपाय के तहत सूरज कुंड में दो सिपाहियों की ड्यूटी लगा डाली। अब न जुआ और न नशेबाजी। अब वहा भक्ति भाव से विभोर श्रद्धालु पूजा अर्चन करते है। स्थानीय निवासी रमेश ने हमसे बात करते हुवे कहा कि “यहाँ जाने से पहले सोचना पड़ता था, हर तरफ गांजे की महक से दिमाग ख़राब हो जाता था। आखिर एसीपी साहब ने इस लम्बे समय से चली आ रही समस्या का समाधान कर दिया।”
वही दूसरी तरफ दालमंडी में फिर से जुआ खिलवाये जाने की शिकायत पर एसीपी दशाश्वमेघ के निर्देशन में इस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्रा ने ऐसा चूड़ी कसा की सटोरिया इलाका छोड़ कर फरार हो गया। इस दो बड़ी सफलता के बाद कुछ के आँखों में किरकिरी बनना भी लाजिम था। उस पर बड़ा केस हुआ कि बड़ी पकड़ रखने वाले हाफिज पतंग के पटाखा जो लगभग 7 कुंटल से ज्यादा था को इस्पेक्टर चौक ने धर लिया। रात भर बड़ी पैरवी की कोशिश हुई मगर एसीपी दशाश्वमेघ और इस्पेक्टर चौक ने किसी की नही सुनी। माल जब्त हुआ और नामज़द मुकदमा हुआ।
दालमंडी के इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि हफिज पतंग का माल पकड़ा गया था। बड़े संरक्षण रखने वाले हफीज का माल पकड़ना वाकई कलेजे का काम है ये इलाके में चर्चा थी। बात इतनी थी कि बड़े सेटिंग रखने वाले के संरक्षण में रहने वाले का माल पकड़ा गया था। तो किरकिरी सेटर साहब के करीबियों को हो गई। अब जो सेटर है न वो नेता है न परेता, न समाज सेवक और न ढंग के कारोबारी। मगर दो तीन सिपाहियों के बल पर बड़ी बड़ी सेटिंग करवा देने की क्षमता रखते है। उनकी किरकिरी की आंच तो थोडा दूर तक जायेगी।