आजम खान की सदस्यता रद्द होने पर भाजपा नेता हनी के घर हुआ जश्न

शाहीन बनारसी (इनपुट: रवि शंकर)

रामपुर: सपा नेता एवं रामपुर से शहर विधायक आजम खान को स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में गुरुवार को 3 साल की सजा सुनाई है, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हुई है। आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए स्थानीय भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने विधानसभा अध्यक्ष सहित कई उच्च स्तरीय अधिकारियों से मांग की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए स्पीकर ने रद्द कर दिया है।
गौरतलब हो कि रामपुर के स्थानीय भाजपा नेता आकाश सक्सेना लगातार आजम खान के विरुद्ध उन पर दर्ज 80 से अधिक मुकदमों में पैरवी कर रहे हैं और वर्ष 2019 में चुनाव के दौरान आजम खान पर हेट स्पीच से संबंधित मुकदमे में भी उनके द्वारा पैरवी की गई थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि गुरुवार को स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी। सजा के आदेश के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग करते हुए भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष के अलावा चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया है।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान की विधानसभा सदस्य पद की सदस्यता रद्द होने के बाद अपने समर्थकों के साथ मिलकर आवास पर जश्न मनाया। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा उनके समर्थकों ने जोश से लबरेज होने के बाद जबरदस्त आतिशबाजी भी की है। इस मौके पर आकाश सक्सेना ने आजम खान पर कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले का स्वागत किया। वही विधानसभा स्पीकर के सदस्यता रद्द करने के कदम का भी जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने जल्द ही शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने की संभावना का भी इजहार किया है।
इस मामले पर भाजपा नेता आकाश सक्सेना हनी ने बताया एमपी एमएलए कोर्ट का जो निर्णय आया था, जिसमें आजम को 3 वर्ष की सजा दी गई थी। उसी सजा के मद्देनजर हमने आज चुनाव आयोग से हमने मांग की थी कि नियम के अनुसार इसमें कार्रवाई होना चाहिए। आजम की जो विधानसभा की सदस्यता है उसको समाप्त किया जाना चाहिए उसमें एक कॉपी हमने प्रमुख सचिव विधानसभा को उसके अलावा और जो संबंधित लोग हैं हमने उनको भेजी थी। उसका संज्ञान लेते हुए आज शाम को आजम की विधानसभा सदस्यता को समाप्त कर दिया गया। हम ने विधानसभा अध्यक्ष को भी कॉपी दी थी। आजम खान को जो सुरक्षा मिली हुई है, वह शासन का निर्णय है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। क्योंकि यह नियम होता है 2 साल से अधिक कोर्ट के मामले में किसी को सजा होती है तो उसमें विधानसभा की सदस्यता या कोई भी संवैधानिक पद से इस्तीफा देना होता है। उसको रिक्त किया जाता है। आज़म खान की सीट पर उपचुनाव के सवाल पर आकाश सक्सेना ने कहा अभी शुरुआत है अभी आगे देखते हैं जो पार्टी का निर्णय होगा।

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