आदमपुर इस्पेक्टर साहब: बहुविवादित इस संपत्ति पर कब्ज़े की मदनपुरा निवासियों को इतनी जल्दी क्यों है? क्या शनिवार और रविवार की छुट्टी का फायदा उठाना चाहते है मदनपुरा के बाहुबली भू-माफिया
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: वाराणसी के आदमपुर क्षेत्र स्थित ओमकार्लेश्वर के बहुविवादित खेत पर कल देर रात से अचानक जोरो शोर के साथ चारदीवारी घेरने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इस संपत्ति पर एक नही बल्कि दो दो कोर्ट केस होने और एक केस में कथित तौर पर स्टे के बावजूद भी शनिवार रविवार अदालत बंद होने का फायदा उठा कर ज़बरदस्ती कब्जा किया अवैध रूप से किया जा रहा है। भारी संख्या में मजदूर और मिस्त्री के साथ मदनपुर के एक कुख्यात बाहुबली द्वारा कब्ज़ा किया जा रहा है।
बताते चले कि ओमकार्लेश्वर स्थित खेत एक बहुविवादित और महँगी संपत्ति है। इस संपत्ति को लेकर दो पक्षों के द्वारा दाखिल वाद अदालत में विचाराधीन है। एक वाद संख्या 721/2001 सिविल जज सी0डी0 की अदालत में विचाराधीन है जिसमे अदालत ने स्थगनादेश दे रखा है। वाद में वादी मुकदमा मस्जिद पीर फत्ते है। मस्जिद के मुत्वल्लियान के पास एक स्टे की कापी भी है। वह स्टे की मियाद कंडीशनल थी और वर्ष 2019 के 10 अक्टूबर तक थी। जो इस केस की नेक्स्ट हियरिंग थी। मस्जिद कमेटी का कहना है कि उक्त स्थगनादेश आगे बढ़ गया है। सोमवार को अदालत खुलने पर उसकी नवीनतम प्रति प्रदान कर दिया जायेगा।
वही एक अन्य वाद इस प्रकरण में रामजी बनाम मकबूल हाई कोर्ट में विचाराधीन है और इसका केस नम्बर 1253/2002 है। बताया जाता है कि यह वाद अदालत में रामजी के तरफ से दाखिल हुआ था जो जिला जज के आदेश के मुखालिफ था। जिला जज का आदेश इस संपत्ति के प्रकरण में मकबूल के पक्ष में गया था। जिसके बाद रामजी ने यह वाद दाखिल किया था। वही इस संपत्ति की दो बार प्लाटिंग का प्लान भी हुआ और दोनों ही पक्ष राम जी और दुसरे पक्ष मकबूल के तरफ से संपत्ति बेचने की बाते भी है। संपत्ति के जिस हिस्से पर कब्ज़ा वर्त्तमान में हो रहा है उस हिस्से को रामजी ने बेचा था और खरीदार मदनपुर के कुछ बाहुबली है। इस पूरी चारदीवारी को करवाने का बढ़िया श्रेय लक्सा थाने के पुराने हिस्ट्रीशीटर को भी लोग दे रहे है।
इस संपत्ति को लेकर जमकर विवाद और तनाव आज से दो दशक पहले भी हो चूका है। एक पार्टी मस्जिद होने के कारण क्षेत्र में तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया था। मगर इस सबके बावजूद भी कल देर रात से ताबड़तोड़ बहुतायत में मजदूर और मिस्त्री लगा कर चारदीवारी घेरी जा रही है। सवाल ये उठता है कि जब अदालत में छुट्टी है और कोई भी अदालती कार्यवाही कल ही हो सकती है तो फिर आखिर इतनी जल्दी क्या है? दूसरा पक्ष सोमवार को लेटेस्ट स्टे की कापी उपलब्ध करवाने को कह रहा है तो फिर आखिर इतनी जल्दी क्यों है? आखिर एक दिन रुकने में क्या हर्ज है? अगर कल सपत्ति पर स्टे की कापी प्रदान हो जाती है तो क्या फिर ये चारदीवारी जो आदमकद हो चुकी है को कोई तोडवा सकता है। क्षेत्र में सुगबुगाहट कभी भी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है।
क्या कहती है पुलिस
इस सम्बन्ध में हमने आदमपुर थाना प्रभारी निरीक्षक से बात किया तो उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार करते हुवे कहा कि मैं अभी मामले का संज्ञान लेकर मामले को देखता हु। यदि संपत्ति में विवाद है तो ऐसा कार्य बेशक गैरकानूनी है। वही मस्जिद कमेटी का कहना है कि 8 दिसंबर तक प्रभावी स्टे आदेश है जिसकी प्रति हम कल अदालत खुलने के बाद ही उपलब्ध करवा सकते है। मौके पर बाहुबल से निर्माण कार्य जारी है।