भारत जोड़ो यात्रा: राहुल गांधी ने जमकर बोला भाजपा पर हमला, कहा- बीजेपी देश में नफरत फैला रही है
आफ़ताब फारुकी
राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही “भारत जोड़ो यात्रा” काफी सुर्खियों में है। इस यात्रा ने लम्बा सफ़र तय किया है। इस यात्रा में राहुल गांधी लगातार तेज़ रफ़्तार के साथ चलते नज़र आये है। हौसले से भरे राहुल के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओ और दिग्गज नेता यात्रा में कदम से कदम मिलाकर चले है। राहुल के साथ इस यात्रा में माँ सोनिया गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी कदम से कदम मिलाकर चली है। यात्रा में नेता, अभिनेता से लेकर खिलाड़ी भी शामिल हुए है। युवाओ ने भी “भारत जोड़ो यात्रा” को समर्थन किया है।
आज पार्टी सांसद और पूर्व चीफ राहुल गांधी ने फतेहगढ़ साहिब में माथा टेका। राहुल गांधी ने लाल रंग की पगड़ी पहनकर माथा टेका। रोजा शरीफ गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के बिल्कुल साथ में पड़ता है। इसके बाद यात्रा शुरू हुई। मंडी गोविंदगढ़ के लाल बत्ती चौक पर राहुल की आगमन को लेकर रोड पर केसरी, सफेद और हरे रंग के गुब्बारे लगाए गए। राहुल गांधी यात्रा स्थल पर पहुंचे। यहीं से हरियाणा के कांग्रेसी नेता पंजाब के कांग्रेसी नेताओं को भारत जोड़ो यात्रा का झंडा थमाया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा बोलने की नहीं है। यह यात्रा सुनने की है। “भारत जोड़ो यात्रा” को जनता का समर्थन मिल रहा है। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला बोला। कहा कि भाजपा ने देश का माहौल बिगाड़ दिया है। बीजेपी देश में नफरत फैला रही है। ये देश एकता और भाईचारे का है। राहुल गांधी ने कहा कि देश का किसान हमसे ज्यादा चलता है। इस यात्रा में बहुत कुछ सीखने को मिला। हम महंगाई और बेरोजगारी की बात करते हैं। बेरोजगारी और महंगाई देश के बड़े मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा” कांग्रेस पार्टी के लिए किसी तप से कम नहीं है।
फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वह (भाजपा) एक जात को दूसरी जात से, एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं और देश का माहौल बिगाड़ दिया है। हमने सोचा देश को मोहब्बत, एकता, भाईचारे का रास्ता दिखाना चाहिए। इसलिए हमने यह यात्रा शुरू की। राहुल गांधी ने कहा कि हम इस यात्रा में लंबे भाषण नहीं देते हैं। यह यात्रा बोलने की नहीं बल्कि सुनने की है। हम सुबह 6 बजे उठते हैं, लगभग 25 किमी चलते हैं और 6-7 घंटे आप सभी को सुनते हैं। उसके बाद 10-15 मिनट तक हम अपने विचार रखते हैं। इस यात्रा की भावना “सुनना” है।