तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर खिलाडियों द्वारा लगे गम्भीर आरोप पर क्या ऐसी स्थिति में निष्पक्ष जाँच की बात हो सकती है?

तारिक़ आज़मी

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर इस समय धरनारत पहलवानों से बातचीत कर रहे है। यह बातचीत दुसरे बार हो रही है। इसके पहले कल भी अनुराग ठाकुर ने बातचीत किया था।  गुरुवार रात करीब 4 घंटे तक चली बैठक में अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को समझाने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है। लेकिन पहलवान बृजभूषण के इस्तीफे पर अड़े रहे। इस कारण बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका और पहलवान मीडिया से बात किए बिना चले गए थे।

इन सबके बीच सवाल ये उठता है कि बृजभूषण शरण सिंह जो भाजपा के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद है और केंद्र की सत्तारूढ़ दल भाजपा के कद्दावर नेता है पर कोई कार्यवाही इतने बड़े आरोपों के बाद दिखाई नही दे रही है। जिस प्रकार के गम्भीर आरोप उनके ऊपर लगे है वह आरोप यदि किसी अन्य दल के सांसद पर लगते तो शायद भाजपा उस सांसद का इस्तीफा मांग रही होगी। यहाँ तो मामला ही पूरा उल्टा है कि उलटे बृजभूषण शरण सिंह खुद पीसी करके दावा कर रहे है कि इस्तीफे का सवाल ही नही उठता है। मंत्री धरनारत खिलाडियों से बात कर रहे है और अपने सांसद को मीडिया में कोई भी बयान न जारी करने की सलाह दे रहे है।

बात इतनी ही नहीं है। इसको थोडा और गहराई से समझने के लिए अगर आप गौर करे तो आरोप लगाने वाली हर एक आवाज़ खुद में एक शख्सियत है। ऐसी शख्सियत है जिन्होंने विश्व पटल पर तिरंगे की शान बढाया है। विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में भारत को पदक दिलवाया है। आज जब वह आरोप लगा रहे है और अपने आरोपों को लेकर जंतर मंतर पर धरनारत है तो उनकी आवाज़ कितनी दूर तक जा रही है। अखबार में फ्रंट पेज में यह आवाज़ जगह तो पा रही है मगर एक कोने मात्र में जगह है। बृजभूषण शरण सिंह इस मामले को जातिगत संघर्ष करार दे रहे है। कौन आपका पसंदीदा चैनल इस पर बहस करता हुआ दिखाई दे रहा है?

बृजभूषण शरण सिंह साफ़ साफ़ कह रहे है कि “इस्तीफ़ा देने का तो सवाल ही पैदा नही होता है।” अब इसके ऊपर अगर गौर करे और इस मामले की जाँच हेतु एक कमेटी का गठन होता है और कमेटी इस मामले की जाँच करती है तो क्या एक सांसद और कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सब कुछ बिना दबाव के होगा कहना मुश्किल ही समझ आता है। क्या निष्पक्ष जाँच हेतु एक कमेटी गठन के साथ ही बृजभूषण शरण सिंह को जाँच रिपोर्ट आने तक के लिए छुट्टी पर नही भेजा जा सकता है। ताकि जाँच की निष्पक्षता पर कोई सवाल न उठे।

बताते चले कि यौन उत्पीडन के आरोप खिलाडियों नबे भारतीय कुश्‍ती संघ के अध्‍यक्ष बृजभूषण सिंह पर लगाया है और खिलाड़ी उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुवे है। वो बृजभूषण के इस्‍तीफे से कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं। खेल मंत्री ने खिलाड़ियों से बृजभूषण सिंह के जवाब का इंतज़ार करने को कहा है। मंत्रालय ने बुधवार को बृजभूषण शरण को जवाब देने के लिए 72 घंटे का वक़्त दिया था। खेल मंत्री ने पहलवानों को जवाब के बाद सख़्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

इस मुद्दे पर पहलवान, आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। वे बृजभूषण शरण सिंह के इस्‍तीफे से कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं। उनका साफ कहना है कि बृजभूषण सिंह का इस्तीफ़ा हो और कुश्ती संघ को भंग किया जाए। पहलवानों के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खिलाडियों से बातचीत इस पोस्ट को लिखे जाने तक कर रहे है। आशा किया जा रहा है कि शायद आज इस मामले की जाँच हेतु एक कमेटी का गठन हो और वह कमेटी मामले की जाँच करे। इस दरमियान भाजपा नेता और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने भी आज मीडिया में बयान जारी किया है।

जिसके बाद आज खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से फोन पर बात की है। अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण शरण सिंह को मीडिया में कोई भी बयान देने से परहेज करने को कहा है। उन्होंने बृजभूषण से कहा कि बयान देने से स्थिति बिगड़ेगी। वहीं डीजी और साई ने सुबह पहलवानों से मुलाकात की है। इस सबके बीच पहलवान किसी भी सियासी शख्सियत को मंच पर बैठने नहीं दे रहे है ताकि इस मामले का राजनीतिकरण न हो सके। अपनी लड़ाई को सियासत से दूर रखने की कोशिश पहलवानों ने किया है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *