तुर्की और पडोसी देशो में महसूस किये गये भूकंप के तेज़ झटके, सीरिया तक देखने को मिला असर, कई इमारतें हुई धराशायी, 100 से ज्यादा लोगो की हुई मौत
आदिल अहमद
डेस्क: तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखने को मिला। तुर्की में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सीरिया में जान गंवाने वालों को आंकड़ा 90 तक पहुंच गया है। 500 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई है। 16 इमारतों को नुकसान पहुंचा है। यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। सनलिउर्फा मेयर ने फिलहाल 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की वजह से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि “भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।“
बताते चले कि भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।