बीबीसी दफ्तरों में कथित कर चोरी के मामले में आयकर विभाग के सर्वे को लेकर एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने जताई चिंता, पत्र जारी कर सरकार से किया मांग
मो0 कुमेल
डेस्क: बीबीसी इंडिया के दफ्तरो में आयकर विभाग के सर्वे को लेकर एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने गहरी चिंता जताया है। इस सर्वे पर अपनी चिंता जताते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने आज मंगलवार को इसे सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को “डराने और परेशान करने” के लिए सरकारी एजेंसियों के उपयोग की “प्रवृत्ति” की निरंतरता करार दिया। गिल्ड ने यह बाते एक बयान जारी कर कही है।
EGI is deeply concerned about the IT “surveys” being carried out at the offices of BBC India. Is distressed by the continuing trend of government agencies being used to intimidate and harass news organisations that are critical of ruling establishment. pic.twitter.com/hM7ZkrdOiq
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) February 14, 2023
एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने एक बयान में मांग की कि ऐसी सभी जांच में काफी सावधानी और संवेदनशीलता बरती जाए, जिससे पत्रकारों और मीडिया संगठनों के अधिकार कमजोर नहीं हों। गिल्ड का यह बयान कथित कर चोरी की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के दफ्तरों में आयकर अधिकारियों के सर्वे अभियान के बाद आया है।
एडिटर्स गिल्ड ने यहां एक बयान में कहा, “आयकर विभाग का सर्वे सरकारी नीतियों या सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संगठनों को डराने और परेशान करने के लिए सरकारी एजेंसियों के उपयोग के चलन की निरंतरता है।’’ गिल्ड ने कहा कि गुजरात में 2002 की हिंसा और भारत में अल्पसंख्यकों की वर्तमान स्थिति पर बीबीसी के वृत्तचित्रों के प्रदर्शन के बाद यह आईटी सर्वे किया गया है।
इस क्रम में जारी अपने पत्र में गिल्ड ने जिक्र किया कि 2021 में न्यूज़क्लिक, न्यूज़लॉन्ड्री, दैनिक भास्कर और भारत समाचार जैसे मीडिया संगठनों के कार्यालयों में भी आईटी सर्वे किए गए थे। उसने कहा, “प्रत्येक मामले में, छापे और सर्वे समाचार संगठनों द्वारा सरकारी प्रतिष्ठान के आलोचनात्मक कवरेज की पृष्ठभूमि में थे।” गिल्ड ने कहा, “यह एक प्रवृत्ति है, जो संवैधानिक लोकतंत्र को कमजोर बनाती है।” गिल्ड ने अपनी पुरानी मांग को दोहराया कि सरकारें सुनिश्चित करें कि इस तरह की जांच निर्धारित नियमों के तहत हों और वे स्वतंत्र मीडिया को डराने के लिए उत्पीड़न के तरीकों में नहीं बदल जाएं।