विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना: छह दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन, बाटे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय की ओर से आयोजित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के छह दिवसीय कौशल वृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को राजकीय आईटीआई राजापुर में समापन हुआ। यह प्रशिक्षण उप्र इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन एवं शोध संस्थान द्वारा द्वारा प्रदान किया गया। समापन समारोह में विधायक योगेश वर्मा, यूपी-आईडीआर चेयरमैन शिप्रा शुक्ला, सीडीओ अनिल सिंह ने उपायुक्त संजय सिंह, प्रधानाचार्य आईटीआई वाईडी सिंह की मौजूदगी में प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए।
विधायक योगेश वर्मा ने कहा कि युवा-युवतियों को रोजगारपरक कोर्स के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी का उपयोग करते हुए स्वावलंबी बने। सीडीओ अनिल सिंह ने कहा कि आज के बदलते जमाने में युवा-युवतियों को प्रदान किया गया छह दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण भविष्य को सवारने में मददगार साबित होगा। प्रशिक्षण हासिल करने के बाद कोई भी रोजगार शुरू कर सकते हैं। अन्य लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा।
समापन समारोह में यूपी-आईडीआर चेयरमैन शिप्रा शुक्ला ने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़कर युवक-युवती हुनरमंद बनने के साथ ही आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़े। परंपरागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों को सम्मान देने, उनको स्वावलंबी बनाने और आत्मनिर्भर बनाने का सिलसिला चल रहा है। सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण दिलाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। कहा कि इस योजना से ग्रामीण महिलाओ की स्थिति में भी सुधार आ रहा है। देश की ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की महिलाओं को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया जा रहा है।
उपायुक्त उद्योग संजय सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत उप्र इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन एवं शोध संस्थान के योग्य प्रशिक्षकों द्वारा दर्जी, लोहार, नाई, बढ़ई, हलवाई, राजमिस्त्री, कुम्हार आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिससे प्रशिक्षणार्थियों का कौशल वृद्धि हुई है। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थियों को टूल किट उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रशिक्षण में 500 प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अगर किसी को ऋण की आवश्यकता होगी, तो उसे ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।