डीएम के निर्देश पर कलेक्ट्रेट में हुई जनपदीय अभिमुखीकरण कार्यशाला, सीएमओ ने ली बैठक
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के निर्देश पर सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता की अध्यक्षता में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत पीसीपीएनडीटी की जनपदीय अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित हुई।
सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने निर्देश दिए कि प्रत्येक केंद्र पर रेडियोलॉजिस्ट का नाम व फोटो अनिवार्य रुप से प्रदर्शित हो। ऐसा न करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। कहा कि जनसंख्या के आंकड़े गवाह हैं कि देश में बालिकाओं की संख्या तेजी से घट रही है। शिशु लिंगानुपात में आ रहा असंतुलन भविष्य में आने वाले खतरे की गंभीरता को दर्शा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या की सबसे बड़ी वजह अल्ट्रासाउंड का दुरुपयोग होना है। सामाजिक कुरीतियों और पिछड़ेपन के कारण कुछ लोग भ्रूण हत्या के लिए प्रेरित हो रहे हैं। समाज के बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर हमें इस खतरे का मुकाबला करना होगा।
संयुक्त निदेशक (अभियोजन) धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट में गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण पर रोक के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि एक्ट के प्रावधानों को कड़ाई से लागू कराएं।
डीपीओ संजय निगम ने कार्यशाला में आए लोगों का आवाहन करते हुए कहा कि प्रसव पूर्व निदान तकनीक का दुरुपयोग रोकने के लिए सूचना तंत्र विकसित करें। इस अनैतिक कार्य में लगे लोगों के विरुद्ध वातावरण सृजित किया जाए। उन्हें दंडित कराने के लिए प्रशासन का सहयोग लिया जाए। बेटियों को बचाना है तो कन्या भ्रूण हत्या रोकनी होगी। लिंग चयन की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाकर ही बेटियों की संख्या में इजाफा किया जा सकता है।
डीपीओ ने बताया कि इसके अलावा विभिन्न विभागीय योजनाओं दत्तक ग्रहण, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, पालना गृह, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, वन स्टॉप सेंटरआदि की विस्तृत जानकारी दें। प्रभारी निरीक्षक (महिला थाना) शकुंतला उपाध्याय ने बताया कि गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण अपराध है। पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए तैयार गाइड लाइन पर भी चर्चा की।
बैठक में एसीएमओ डॉ बीसी पंत, संयुक्त निदेशक अभियोजन धीरेंद्र कुमार मिश्रा, डीपीओ संजय निगम, निजी क्षेत्र के चिकित्सालय के चिकित्सक मौजूद रहे।