बांदा: बाहुबली मुख़्तार अंसारी पुत्र मऊ विधायक अब्बास अंसारी के काले धन को सफ़ेद करने के आरोप में वाराणसी के अर्दली बाज़ार निवासी चार्टेड अकाउंटेंट शाहबाज़ आलम गिरफ्तार
जीशान अली
बांदा: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुंदेलखंड के चित्रकूट जिला कारागार में बंद मऊ विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत से अनाधिकृत मुलाकात के मामले में पुलिस ने वाराणसी से एक चार्टेड अकाउंटेंट शाहबाज़ आलम को गिरफ्तार किया है। शाहबाज़ अर्दली बाज़ार का निवासी है और शाहबाज़ पर आरोप है कि वह अब्बास अंसारी के रुपयों को ट्रांसफर करता है। साथ ही शाहबाज़ पर आरोप है कि वह अब्बास के कालेधन को अपने एकाउंट से सफेद करता था।
पुलिस ने इस मामले में बताया है कि जांच में यह बात सामने आई कि शाहबाज आलम ने अब्बास-निखत अंसारी को चित्रकूट कारागार में वीवीआईपी सुख-सुविधाएं मुहैया कराने के बदले में जेल अधिकारियों-कर्मचारियों एवं अन्य सहयोगियों को लग्जरी गाड़ियां, आभूषण एवं नगद धनराशि आदि मुहैया कराने के नाम पर 6 माह की अवधि में कुल 179 लाख का ट्रांजेक्शन किया है। रविवार को डीआईजी बांदा डॉ0 विपिन मिश्रा व एसपी चित्रकूट वृंदा शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी प्रदान किया। उन्होंने बताया कि दरमियान विवेचना यह प्रकाश में आया कि कैंटीन ठेकेदार नवनीत सचान के खाते में अब्बास अंसारी के कहने पर रुपये डाले गए थे। उसमें शाहबाज आलम पुत्र शाहिद आलम निवासी अर्दली बाजार थाना कैंट वाराणसी की भूमिका अहम रही है।
विवेचना में सामने आया कि पिछले छह माह के अंदर इन खातों में दो बार में 92 लाख और 87 लाख का ट्रांजेक्शन किया गया है। पूछताछ के दौरान शाहबाज ने बताया कि अब्बास के गुर्गे उसको कैश पहुंचाते थे। वह यह भी बताते थे कि किसके खाते में पैसा डालना है। इसके बाद वह उन खातों में रुपये भेज देता था। इन रुपयों का उपयोग जेल अधिकारियों को नगद या उपहार का लालच देकर अपने लिए जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराना, वकीलों और दलालों को अपने मुकदमों की पैरवी के लिए पैसे देना व अवैध कामों में खर्च करने में किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि लेनदेन का जिम्मा नियाज और उसके सहयोगी संभालते थे। इतनी बड़ी धनराशि के ट्रांजेक्शन से अवैध स्रोतों से कमाई के आरोपों को बल मिला है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से भी मदद ली जाएगी।
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