राहुल गाँधी की याचिका खारिज होने पर बोली महबूबा मुफ़्ती, ‘लोकतंत्र का यह काला दिवस है, बिलकिस बानो के बलात्कारी खुलेआम घूम रहे है और राहुल के मामले में सुनवाई इतनी तेज़ हो रही है’
आदिल अहमद
डेस्क: सूरत सत्र न्यायालय द्वारा मानहानि मामले में राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगाने वाली याचिका ख़ारिज करने को जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ़ महबूबा मुफ़्ती ने देश के लिए काला दिन बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि भाजपा विपक्ष को डराने के लिए सब कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिस देश को सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है वहां के विपक्षी नेता के साथ इस तरह के बर्ताव के ज़रिए पूरे विपक्ष को संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान ख़त्म कर के देश को अपने एजेंडा पर चलाना चाहती है। यह बाते महबूबा मुफ़्ती ने मीडिया से बात करते हुए कही।
#WATCH | Today is a black day for this country… BJP want to abolish the constitution here and run this nation on their agendas. They want to make this country BJP nation: PDP chief Mehbooba Mufti, Anantnag pic.twitter.com/NFF8vhMyaY
— ANI (@ANI) April 20, 2023
उन्होंने कहा कि ‘आज इस मुल्क़ की जम्हूरियत (लोकतंत्र) के लिए काला दिन है। जब हम इस मुल्क़ को कहते हैं कि सबसे बड़ी जम्हूरियत है हिंदुस्तान, वहाँ के विपक्षी नेता के साथ इस तरह का सलूक किया जाए। मुझे लगता है कि बीजेपी इल मुल्क़ को कहीं न कहीं संविधान को ख़त्म कर के अपने एजेंडे पर चलाना चाहती है। राहुल गांधी पर जो आज फ़ैसला है वो पूरे विपक्ष को संदेश दिया जा रहा है कि आप सबको जेल में बंद कर देंगे। ऐसे में लोगों की एक ही उम्मीद है, अदालतें।’
Our last hope lies with the judiciary. Tragically we are witnessing the manner is which justice is delayed & how punishment is selectively meted out. Courts drag their feet on Article 370, Bilkis Bano & CAA but fast track trivial cases of alleged ‘defamation’.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 20, 2023
मुफ़्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370, बिलकिस बानो के बलात्कारियों को खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन उसपर सुनवाई नहीं हो रही। लेकिन राहुल गांधी के मामले की सुनवाई इतनी तेज़ी से हो रही है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी विपक्ष का मज़बूत चेहरा बनकर उभरे हैं। इसलिए बीजेपी ख़ौफ़ज़दा हो गई है। बीजेपी चाहती है कि इस मुल्क़ से विपक्ष ख़त्म हो जाए और एक ही पार्टी रहे।”
साल 2019 में ‘मोदी सरनेम’ को लेकर दिए गए बयान पर सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सज़ा सुनाई थी। इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ उन्होंने अपील दायर की थी। इस याचिका को सूरत की अदालत ने गुरुवार को ख़ारिज कर दिया। सज़ा के बाद राहुल गांधी को इसके ख़िलाफ़ अपील के लिए एक महीने का समय दिया गया था और ज़मानत भी मिल गई थी। लेकिन इस बीच उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई और उनसे सरकारी बंगला भी ख़ाली करा लिया गया।