2002 गुजरात दंगो के दरमियान नरोदा गाँव में 11 मुसलमानों को जिंदा जला कर मारने के मामले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी सहित सभी 68 आरोपी अदालत से हुवे बरी

यश कुमार

सूरत: साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े नरोदा गांव नरसंहार मामले में अहमदाबाद की विशेष अदालत ने सभी 68 अभियुक्तों को बरी कर दिया। 28 फ़रवरी 2002 को नरोदा गांव में भड़के दंगों में 11 मुसलमानों को ज़िंदा जला दिया गया था।

इस मामले में बीजेपी सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी, विश्व हिंदू परिषद के पूर्व महासचिव जयदीप पटेल, भाजपा नेता वल्लभ पटेल आदि पर हत्या, दंगा, अवैध भीड़ जमा करने और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया था।

नरोदा पाटिया दंगा मामले में माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत छह लोगों को पहले दोषी ठहराया जा चुका है। मामले में कुल 86 अभियुक्त थे, जिनमें से 17 की मौत हो गई, जबकि एक को छोड़ दिया गया। नरोदा गांव का मामला उन नौ मामलों में से एक है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को जांच का आदेश दिया था। इस केस की सुनवाई 14 साल पहले जुलाई 2009 में शुरू हुई थी।

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