मध्य प्रदेश: मैहर माता मंदिर में काम करने वाले मुसलमान कर्मचारियों को हटाने का आदेश
मो0 कुमेल
डेस्क: मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने आदेश दिया है कि सतना ज़िले के प्रसिद्ध मैहर माता मंदिर में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारियों को हटाया जाए। मैहर माता मंदिर में तीन मुसलमान कर्मचारी काम करते हैं। अपर मुख्य सचिव डॉ। राजेश कुमार राजौरा का कहना है कि इस तरह का कोई आदेश नही दिया गया है। जबकि ये आदेश दूसरी बार दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पहली बार 17 जनवरी को एक पत्र सतना कलेक्टर को भेजा गया था और उनसे इस मामले में परीक्षण करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। हालांकि चुनावी साल में आये धर्मस्व विभाग के इस आदेश से विवाद खड़ा हो सकता है। क्योकि माँ शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के नियमो में कही भी कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाये जाने का प्रावधान नही है।
इसके साथ ही शहर में मांस और मदिरा की बिक्री भी बंद करने को लेकर पत्र लिखा गया है। इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर धर्मस्व विभाग की उपसचिव पुष्पा कुलेश ने मंगलवार को एक बार फिर पत्र भेजकर 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा है। जानकारी के मुताबिक़, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने मैहर से मांस-मदिरा की दुकानें बाहर करने और मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग की थी।
इसके लिए उन्होंने प्रदेश की संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा सिंह ठाकुर को एक ज्ञापन भी दिया था। इसके बाद ऊषा ठाकुर ने अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को पत्र लिख कर इस पर कारवाई करने के निर्देश दिए थे। इस पर अपर मुख्य सचिव डॉ। राजेश कुमार राजौरा का कहना है कि इस तरह का कोई आदेश नही दिया गया है। वहीं सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने पत्रकारों को बताया है कि पत्र मिला है और उसका परीक्षण करा कर नियमनुसार कार्रवाई की जाएगी। मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के नियमों के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाए जाने का प्रावधान नहीं है।
इस आदेश के बाद बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद ने फैसले का स्वागत किया है। बताते चले कि मैहर माता मंदिर में तीन मुस्लिम कर्मचारी कार्यरत है। तीनो मुसलमान कर्मचारी क्रमशः आबिद, अय्यूब और युसूफ खान इस मंदिर में कार्यरत है। माँ शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के अधीक्षक नंदकिशोर पटेल ने बताया है कि ऐसे कर्मचारियों को बाहरी काम सौपा गया है। वह समिति के निर्देश पर कम करते है।