बिहार शरीफ हिंसा में दंगे का आरोपी बजरंग दल संयोजक गिरफ्तार, घर पर हो रही थी कुर्की तो खुद पंहुचा थाने और किया सरेंडर, तलाश पाएगी बिहार पुलिस सवालो के जवाब
अनिल कुमार
नालंदाः बिहार शरीफ में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद प्रशासनिक कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में एसआईटी के द्वारा कार्रवाई करते हुए शोभायात्रा के आयोजक एवं बजरंग दल के संयोजक कुंदन कुमार के घर पुलिस द्वारा कल कुर्की जब्ती की कार्यवाही की जा रही थी। पुलिस ने कुर्की की कार्यवाही शुरू ही किया था कि कुंदन खुद थाने पंहुचा और अपने आप को पुलिस के हवाले कर डाला।
एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि कुल 9 आरोपियों के घर कुर्की हो रही है। जिसमें 6 लोगों ने सरेंडर कर दिया बाकी शेष तीन लोग अभी भी फरार है। जिसके घर में कुर्की हो रही है। प्रशासन की इस कार्रवाई से उपद्रवियों के पास एक कड़ा मैसेज जाएगा जो उपद्रव के दौरान कानून को अपने हाथ में लेने का काम करते हैं। वहीं गगन दीवान इलाके के मुन्ना और पप्पू दोनो भाई के घर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की मौजूदगी में कुर्की की गई। इस कुर्की जब्ती के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई।
गौरतलब है कि नौ आरोपियों के कुर्की के लिए कुल दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति एसडीएम के द्वारा किया गया है। अयोध्या नगर निवासी कुंदन कुमार ने लहेरी थाना में मथुरिया मोहल्ला निवासी कृष्णा कुमार ने कोतवाली थाना पटना में सरेंडर किया। जबकि गगन दीवान निवासी शेरू, चांद, राशिद ने लहेरी थाना में सरेंडर किया। वहीं मनीष वर्मा और सोनू वर्मा ने सोहसराय में सरेंडर किया। जबकि फरार पप्पू और मुन्ना के घर कुर्की जब्ती हुई। पुलिस ने अब तक हिंसा में 130 से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
मगर सवाल ये अभी भी है कि क्या पुलिस इन दंगा अभियुक्तों से इस राज़ को उगलवा पाएगी कि आखिर किस शय के बल पर इस प्रकार से दंगे किये। आखिर बिहार शरीफ की अजीजिया लाइब्रेरी में आग किसने लगाया। आग लगाने वाले दंगाईयो को क्या उन किताबों की कीमत पता थी जिनको उन्होंने ख़ाक के ढेर में तब्दील कर दिया। बेशक उन किताबो के एक हर्फ़ की भी कीमत उनको मालूम होती तो शायद ऐसे सांप्रदायिक रूप में वह नही होते। इंतज़ार तो इस बात का है कि क्या एसआईटी इस बात का खुलासा कर पायेगी कि आखिर इस हिंसा का असली मास्टर माइंड कौन है?