लखनऊ में प्रेशर कुकर बम विस्फोट की साजिश के आरोप में गिरफ्तार कथित अल-कायदा आतंकी मो0 मोईद को दिया इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ज़मानत
आदिल अहमद
लखनऊ: लखनऊ में प्रेशर कुकर बम विस्फोट करने की साजिश के सिलसिले में 2021 में गिरफ्तार किए गए एक कथित अल-कायदा आतंकवादी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी। याचिकाकर्ता के जानिब से अदालत ने अधिवक्ता आरिफ अली और फुरकान पठान ने पक्ष रखा जबकि प्रतिवादी पक्ष के जानिब से अधिवक्ता शिखा सिन्हा ने दलील पेश किया।
इससे पहले एनआईए की विशेष अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस अताउ रहमान मसूद और जस्टिस सरोज यादव की खंडपीठ ने आरोपी मो0 मोईद की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई कर रही थी। पिछले महीने याचिकाकर्ता के साथी दो सह-आरोपियों को भी हाईकोर्ट ने उनके ‘बेदाग’ अतीत और अपराधों की गंभीरता को देखते हुए जमानत दे दी थी। मामले में विवेचना के बाद विशेष न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया तथा विवेचना के दौरान एकत्रित समस्त सामग्री की जांच करने पर प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 120बी एवं आर्म्स एक्ट की धारा 25(1बी)(ए) के तहत आरोप लगाए गए थे।
बताते चले कि जुलाई 2021 में, एटीएस ने ऑपरेशन अंसार गजवातुल हिंद संगठन से जुड़े दो आतंकवादियों को लखनऊ से मिन्हाज और बशीरुद्दीन नाम के इस आरोप में गिरफ्तार किया कि उन्होंने 15 अगस्त, 2021 को लखनऊ में प्रेशर कुकर बम हमले की साजिश रची थी। बाद में मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया। उनके खिलाफ एनआईए के मामले के अनुसार, मिन्हाज अहमद को जम्मू और कश्मीर में स्थित दो अल कायदा आतंकवादियों द्वारा ऑनलाइन कट्टरपंथी बनाया गया था। उसने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ अल-कायदा सहयोगी एजीएच (अंसार गजवातुल हिंद) के सदस्यों की भर्ती करने और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए एक साजिश में हिस्सा लिया था।
उसने एक मुसीरुद्दीन को अल कायदा में भर्ती किया और उसे यूपी में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल किया। मुसीरुद्दीन और मिन्हाज अहमद ने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री खरीदी और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से विस्फोट करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की टोह ली। अन्य तीन आरोपी शकील, मो0 मुस्तकीम और मोहम्मद मोइद ने हथियारों और गोला-बारूद की खरीद में मिन्हाज और मुसीरुद्दीन की मदद की और इस तरह साजिश को आगे बढ़ाने में एक पक्ष बन गए।