NCERT की किताबो से महात्मा गांधी के बाद अब मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का नाम गायब, मची सियासी हड़कम्प

शाहीन बनारसी

डेस्क: सिलेबस का बोझ कम करने के नाम पर NCERT के किताबो में देश की कई महान विभूतियों को हटाने का क्रम और उसको लेकर खड़ा होता सियासी विवाद खत्म होने का नाम नही ले रहा है। ‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट के अनुसार अब NCERT ने 11वी के पोलिटिकल साइंस की किताब से मौलाना अबुल कमाल आज़ाद का चैप्टर हटा दिया है। इस समाचार के बाद सियासत गर्म हो गई है और इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर कांग्रेस अब भाजपा पर हमलावर है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार एनसीईआरटी के सिलेबस मे महात्मा गांधी से जुड़ी जानकारी 12वीं की किताब से हटाने के बाद अब पता चला है कि NCERT ने 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम हटा दिया गया है। इसके अलावा नई किताब से जम्मू-कश्मीर द्वारा अनुच्छेद-370 को सुरक्षित रखने के पहलू को भी हटा दिया गया। हाल ही में केंद्र सरकार ने मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप बंद करने का भी ऐलान किया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पॉलिटिकल साइंस की नई किताब के पहले चैप्टर से संविधान सभा समिति की बैठकों में शामिल होने वाले सदस्यों में से मौलाना आजाद का नाम हटा दिया है। नए संशोधन के बाद अब उस लाइन को लिख गया गया है- “आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बी.आर. अम्बेडकर ने संविधान सभा की समितियों की अध्यक्षता की।

जबकि समितियों की अध्यक्षता करने में मौलाना अबुल कलाम आजाद का भी नाम था। इसका जिक्र पुरानी किताब में लिखा था, जिसमे “संविधान-क्यों और कैसे?” शीर्षक से एक पैराग्राफ था. उसमें लिखा था- संविधान सभा में अलग-अलग विषयों पर आठ प्रमुख समितियां थीं. आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आजाद या आंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे। ये ऐसे लोग नहीं थे जो कई बातों पर एक-दूसरे से सहमत हों।

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