सूरत सेशन कोर्ट में राहुल गाँधी ने दाखिल किया मानहानि के मामले में मिली सज़ा के खिलाफ नियमित ज़मानत और सजा निलंबन के लिए अर्जी, पहले में मिली ज़मानत दुसरे अर्जी की सुनवाई होगी 13 अप्रैल को
तारिक़ आज़मी/यश कुमार
सूरत: कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को लेकर दो दिनों से अनुमान लगाया जा रहा था कि सूरत के निचली अदालत द्वारा दिए गए मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी पर दाखिल मानहानि के मामले में सर्वाधिक दो साल की सजा के खिलाफ नियमित ज़मानत और सजा पर रोक हेतु अदालत में अपील दाखिल करेगे। आज वह अनुमान सही निकला और राहुल गाँधी ने सूरत सेशन कोर्ट में दो अर्जी दाखिल किया।
आज राहुल गाँधी अपने बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के साथ सूरत कोर्ट पहुचे और सेशन कोर्ट में दो अर्जियां दाखिल किया। पहली अर्जी में राहुल गाँधी ने निचली अदालत द्वारा दिली सज़ा पर नियमित ज़मानत अदालत से मांगी तो वही दूसरी अर्जी में राहुल गाँधी ने उक्त सजा पर रोक का आवेदन प्रस्तुत किया। बताया जा रहा है कि इस केस की पूरी ड्राफ्टिंग दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं की देख रेख में पहले से तैयार हुई थी।
पहली अर्जी पर अदालत ने आज राहुल गाँधी को नियमति ज़मानत दे दिया है। इसके अलावा दूसरी अर्जी पर सुनवाई के लिए अदालत ने 13 अप्रैल की तारिख मुक़र्रर किया है। अगली तारिख पर उम्मीद की जा रही है कि अदालत में राहुल गाँधी के अधिवक्ताओं के द्वारा जिरह किया जायेगा। साथ ही कानूनी जानकारों की माने तो अधिकतर आषा यह है कि सेशन कोर्ट सजा के फैसले पर रोक लगा सकता है।
बताते चले कि भाजपा के लिए गले की हड्डी बना ये मामला विपक्ष को एकजुट करता दिखाई दे रहा है। अब बात ये है कि अगर 13 अप्रैल को अदालत अगर दूसरे आवेदन की अनुमति दे देती है, तो इस संबंध में लोक सभा सचिवालय की अधिसूचना जारी करने के अधीन, राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी जाएगी। जिसके बाद राहुल गाँधी जहा सदन में दुगनी एनर्जी के साथ दिखाई देंगे वही विपक्ष भी बलवान हो जायेगा।
गौरतलब है कि 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद इस मामले में काफी टिप्पणी होने लगी थी। अधिवक्ताओं के एक समूह ने तो यहाँ तक दावा किया था कि आईपीसी के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है जिसमे इस धारा में अधिकतम सजा अदालत द्वारा मुक़र्रर किया गया है।
इस सजा के एलान के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिडला ने भी देरी नही दिखाई और लोक सभा सचिवालय ने राहुल गाँधी की सदस्यता सज़ा एलान के उतने ही वकत में खत्म कर दिया जितने वक्त को घंटो में गिना जा सकता है। यही नही तुगलक रोड स्थित राहुल गांधी को एलाट बंगला खाली करने का भी नोटिस थमा दिया गया जिसके बाद पूरा विपक्ष ही एक प्लेटफार्म पर खडा होता दिखाई देने लगा और सत्ता पक्ष भाजपा के लिए यह और भी चिंता का विषय बन गया।