मध्य प्रदेश में नाबालिग को निर्वस्त्र कर कथित रूप से धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर किया नाबालिग आरोपियों ने
तारिक़ खान
डेस्क: नफरते इंसान के कितने अन्दर तक अपनी पहुच बना चुकी है, इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश के इंदौर में देखने को मिला है जहा एक एक 11 वर्षीय नाबालिग लड़के कुछ अन्य नाबालिग लडको द्वारा कथित तौर पर पीटा गया और उसको कथित रूप से धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। एनडीटीवी के मुताबिक, आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़ित को उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। इसने सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि आरोपी सभी नाबालिग है।
घटना इंदौर शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र के निपनिया इलाके की है। पीड़ित के बयान के मुताबिक, वह स्टार स्क्वायर के पास खेल रहा था, तभी आरोपी उसके पास आए और उसे बताया कि बाइपास पर बेस्ट प्राइस के पास खिलौने बांटे जा रहे हैं। आरोपियों ने पीड़ित को खिलौने दिलाने के बहाने महालक्ष्मी नगर के पास ले गए और उससे कथित रूप से जबरन धार्मिक नारे लगवाए। उन्होंने कथित तौर पर उसे पीटा और उसके कपड़े उतरवाए। पीड़ित किसी तरह भाग निकला और इसकी सूचना अपने परिजनों को दी, जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दैनिक भास्कर के मुताबिक, पीड़ित और आरोपी नाबालिग बच्चे है और पीड़ित एक बिल्डिंग में रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक, सभी मजदूर परिवार से हैं। पहले सभी आईडीए मल्टी में साथ में रहते थे। पीड़ित नाबालिग अपने परिवार के साथ कुछ माह पहले अशर्फी नगर शिफ्ट हो गया था। वह खेलते हुए निपानिया इलाके में पहुंचा था। तीनों नाबालिग उसे अपने साथ ले गए। उन्होंने साथ रहने के दौरान हुए विवाद की बात पर उसके साथ मारपीट कर वीडियो बनाया। पुलिस के मुताबिक जल्द बयानों के बाद केस डायरी बाल न्यायालय भेज दी जाएगी।
— Commissioner of Police,Indore (@CP_INDORE) April 13, 2023
इसी बीच, इंदौर पुलिस आयुक्त के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा गया है कि सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है। ट्वीट कर कहा, ‘लसूड़िया थाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें कुछ नाबालिगों द्वारा एक अन्य नाबालिग के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज की गई थी। इस संबंध में लसूड़िया पुलिस थाने में गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर वैधानिक कार्रवाई की गई है।’ इसमें आगे कहा गया कि सभी नाबालिग एक-दूसरे को पहले जानते हैं। घटना में सभी मासूम बच्चे होने से सोशल मीडिया पर पहचान उजागर न हो इसलिए वीडियो को वायरल न करने की हिदायत दी जाती है। वीडियो शेयर करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मसला ये है कि आखिर ये नफरते किस तरह से हमारे घरो के अन्दर जड़ करने लगी है। सोचे जिस उम्र के बच्चो को खेल कूद और पढाई से ज्यादा और किसी मसले पर जानकारी नही होती है। उस उम्र के बच्चो के बीच नफरत ने अपनी जगह बना रखा है। बेशक नफरत की फसलो को खाद पानी देने वालो की कमी नही है।