उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों में आई दरारों को लेकर एक बार फिर शुरू हुआ आन्दोलन, मशाल जुलूस निकालकर मांगें पूरी करने को कहा 

आदिल अहमद

डेस्क: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों में आई दरारों के चलते एक बार फिर आंदोलन की शुरुआत हो गई है। “जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति” के बैनर तले अपनी मांगों के लिए पीड़ितों ने गुरुवार शाम शहर भर में मशाल जुलूस निकाल कर आंदोलन शुरू किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद 20 अप्रैल को 20 दिनों के लिए यह आंदोलन स्थगित किया गया था। प्रदेश सरकार ने उस समय कहा था कि प्रभावितों के मुआवजे और पुनर्वास की मांगों को पूरा किया जाएगा।

‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ ने अप्रैल माह में 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सरकार को सौंपा था। सरकार के आश्वासन के बाद 107 दिनों के बाद 20 अप्रैल को धरना स्थगित किया गया था। ‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ ने सरकार को 11 मई तक समय दिया था। उस समय समिति ने कहा था कि उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो वो फिर से आंदोलन शुरू करेंगे। ‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ के संयोजक अतुल सती ने बताया, “हमने बीस दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन पर अपना 107 दिन का धरना स्थगित किया था।”

”मुख्यमंत्री ने हमारी ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर सहमति जताई थी। उसके बाद हमसे उम्मीद की थी कि हम अपना आंदोलन स्थगित कर दें।” उन्होंने बताया, “मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन के आश्वासन पर हमने अपना 107 दिनों से चल रहे धरने को स्थगित किया था।” “हमें उम्मीद थी कि हमारी मांगों पर अमल होगा, मगर यह अफ़सोस की बात है कि पिछले 20 दिनों में हमारी ग्यारह सूत्रीय मांगों में से एक पर भी कोई ठोस ज़मीनी कार्रवाई नहीं हुई।” “इसीलिए हम अपनी की गई घोषणा के अनुसार इस मशाल जुलूस के माध्यम से दोबारा आंदोलन की शुरुआत कर रहे हैं।”

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