बिपरजोय तूफ़ान के कारण देश के पश्चिमी तट पर भारी बारिश, गुजरात के कई इलाको में भारी नुक्सान की आशंका
यश कुमार
डेस्क: बिपरजोय तूफ़ान के कारण देश के पश्चिमी तट पर भारी बारिश, तूफ़ानी लहरें और तेज़ हवाएँ चलने की आशंका है। तूफ़ान के भारतीय तट से टकराने में अभी दो दिन का समय है लेकिन अभी से केरल, गुजरात, मुंबई में तेज़ तूफ़ानी लहरें उठने लगी हैं। 15 जून को जब ये तूफ़ान भारत पहुंचेगा तो गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट जिलों में भारी नुक़सान होने की आशंका है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन सर्विसेज़ ने 12 जून को एक संयुक्त बुलेटिन जारी कर संभावित नुकसान की जानकारी दी है। माना जा रहा है कि छप्पर वाले घरों, अन्य कमज़ोर घरों को व्यापक नुकसान हो सकता है। बिजली और संचार के खंभों झुक या उखड़ सकते हैं, सड़कों को नुकसान होने की आशंका है। रेलवे, ओवरहेड बिजली लाइनों और सिग्नलिंग सिस्टम बाधित होगा, फसलों- पेड़ों को व्यापक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप के लिए हाई वेव अलर्ट जारी किया गया है।
वही तूफ़ान की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर और भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र शामिल हुए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है। 15 जून सुबह से शाम तक तूफ़ान की रफ़्तार 125 से 135 किलोमीटर हो सकती है और ये 145 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।