तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग प्रकरण: झारखण्ड की अदालत ने सुनाई तबरेज़ अंसारी के 10 कसूरवारो को 10 साल की कैद-ए-बामशक्कत, लगाया अर्थदंड भी
शफी उस्मानी
डेस्क: झारखंड के चर्चित तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड की एक कोर्ट ने दोषी ठहराए गए सभी अभियुक्तों को 10 साल की सज़ा सुनाई है। झारखंड के सरायकेला ज़िले की कोर्ट ने इससे पहले पिछले हफ़्ते 10 अभियुक्तों को दोषी ठहराया था और दो अभियुक्तों को पर्याप्त सबूत नहीं मिलने पर रिहा कर दिया था। यह सज़ा सरायकेला के फर्स्ट एडिशनल सेशन जज अमित शेखर ने सुनाई है।
कोर्ट ने दोषी ठहराए गए लोगों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत सज़ा सुनाई। तबरेज़ अंसारी की पत्नी और वादिनी मुकदमा शाइस्ता परवीन ने कहा है कि वो दोषियों को सुनाई गई सज़ा से खुश नहीं हैं और हाई कोर्ट में अपील करेंगी। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने भी कहा है कि वो हाई कोर्ट में अपील करेंगे। तबरेज़ अंसारी के वकील अलताफ़ अंसारी ने बताया, “जजमेंट में 304 पार्ट वन में दस साल, 325 में तीन साल, 323 में आठ महीने और 295 में एक साल सज़ा दी गई है। इसके साथ दोषियों पर अर्थदंड भी लगा है।
तबरेज़ अंसारी का ये मामला लगभग 4 साल पुराना मामला 17 जून 2019 का है। तब तबरेज़ अंसारी को गाडी चोरी के शक में भीड़ ने पकड़ लिया था और उसकी खम्भे में बांध कर बर्बर तरीके से पिटाई किया गया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में भीड़ में कुछ युवक तबरेज़ अंसारी को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को मजबूर कर रहे थे। इसके बाद तबरेज़ अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहा पिटाई के कारण उसकी हालत ख़राब होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जिस दरमियान उसकी मौत हो गई।
जिस समय घटना हुई उस वक्त तबरेज़ अंसारी जमशेदपुर से अपने गाँव वापस लौट रहे थे। 24 साल के तबरेज़ अंसारी को सरायकेला इलाक़े के धातकीडीह गाँव में भीड़ ने घेर कर अमानवीय कृत्य किया। भीड़ की इस बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था और इस मोब लीचिंग की जमकर भर्तसना हुई थी। तबरेज़ अंसारी और शाइस्ता की शादी उसी साल अप्रैल मे हुई थी। तबरेज़ कदमडीहा गाँव के रहने वाले थे जहाँ लगभग 1000 घर हैं। इसमें आठ घर हिंदू, बाक़ी सब मुसलमान हैं। घटना स्थल से उसके गाँव की दुरी लगभग 4 किलोमीटर है।
इस मामले में अदालत ने आज जिनको सजा सुनाई है उनके नाम प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल, भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और महेश महाली है। मामले के मुख्य अभियुक्त प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल पहले से ही जेल में था। अन्य अभियुक्त बनाए गए कुल 13 लोगों में से एक कौशल महाली की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी। बाक़ी दो लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। तबरेज़ अंसारी की पत्नी शाइस्ता को इस बात का सुकून है कि उनके पति को इंसाफ़ मिला लेकिन वो सज़ा की अवधि से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, कि अब मैं हाई कोर्ट जाऊंगी, ज़रूरत पड़ने पर मैं सुप्रीम कोर्ट भी जाने को तैयार हूं। जीवन का एक ही मकसद है कि मेरे पति को इंसाफ़ मिले।