सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद आपराधिक मुक़दमे की कार्रवाई को रोकने के लिए सिर्फ़ माफ़ी मांग लेना काफ़ी नहीं है: सुप्रीम कोर्ट
आदिल अहमद
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ़ साफ़ कहा है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद आपराधिक मुक़दमे की कार्रवाई को रोकने के लिए सिर्फ़ माफ़ी मांग लेना काफ़ी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु के एक अभिनेता द्वारा सोशल मीडिया पर महिला पत्रकारों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप था। जिसमे उन्होंने बाद में माफ़ी भी मांगी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में याचिका के रूप में पेश हुआ था।
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एक अभिनेता और पूर्व विधायक की मुक़दमा ख़ारिज करने की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा है कि अश्लील या अपमानजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद आपराधिक मुक़दमे की कार्रवाई को रोकने के लिए सिर्फ़ माफ़ी मांग लेना काफ़ी नहीं है। 72 वर्षीय अभिनेता एस वी शेखर ने महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
अदालत ने अभिनेता की याचिका को ख़ारिज कर दिया। एस वी शेखर ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की थी जिसके बाद तमिलनाडु में कई जगह उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज किए गए थे। अदालत के सामने पेश होते हुए शेखर के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने अपनी ग़लती का अहसास होने के बाद पोस्ट डिलीट कर दी थी और बिना शर्त माफ़ी मांग ली थी।
अभिनेता की तरफ़ से पेश वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि उन्होंने बिना पढ़े किसी और के पोस्ट को शेयर कर दिया था। याचिका ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा, ‘सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए लोगों को बेहद सावधान रहना चाहिए। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना ज़रूरी नहीं है लेकिन अगर आप कर रहे हैं तो आपको इसके परिणामों का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।’