टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में सीबीआई ने दर्ज किया प्रारम्भिक जाँच, बोली महुआ ‘मेरे पीछे पड़ने से पहले 13 हजार करोड़ के अडानी कोयला घोटाले पर सीबीआई को FIR करना चाहिए’

ईदुल अमीन

डेस्क: टीएमसी की सांसद महुआ मोईत्रा पर सीबीआई ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में आज शनिवार को प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है। अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई का यह क़दम ये पता लगाने की दिशा में पहला चरण है कि महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की पूरी जांच होनी चाहिए या नहीं। यदि इस जांच के दौरान पहली नज़र में पर्याप्त जानकारी मिली, तो सीबीआई इसे एफ़आईआर में बदल सकती है। वही महुआ ने सीबीआई के लिए कहा है कि अडानी घोटालो में सीबीआई को पहले ऍफ़आईआर दर्ज करना चाहिए, उसके बाद मेरे पीछे पड़ना चाहिए।

इस ख़बर के सामने आने के बाद महुआ मोइत्रा ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर डाले एक पोस्ट में लिखा, ‘न तो लोकपाल क़ानून के अनुसार लोकपाल की वेबसाइट पर कोई रेफ़रल आदेश अपलोड हुआ है और न ही सीबीआई ने कोई आधिकारिक जानकारी दी है। मीडिया के सामान्य सर्कस की तरह सीबीआई के ‘स्रोत’ पत्रकारों को जानकारी दे रहे हैं। आशा है कि मेरे पीछे पड़ने के पहले सीबीआई 13 हज़ार करोड़ रुपए के अदानी कोयला घोटाले के लिए प्रारंभिक जांच दर्ज करेगी।’

हालांकि सोशल मीडिया साइट ​’एक्स’ पर बाद में किए एक अन्य पोस्ट में उन्होंने बताया कि लोकपाल ने उन पर लगे आरोप को सीबीआई को भेज दिया है। दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘यह देखकर अचरज हुआ कि बिना किसी पूर्णकालिक अध्यक्ष के नेतृत्वहीन लोकपाल ने कैसे मेरे मामले को सीबीआई को ‘रेफर’ कर दिया। 3/11/23 की आरटीआई बताती है कि मई 2022 से लोकपाल का कोई अध्यक्ष नहीं है और इसके 8 में से 3 सदस्यों के पद खाली हैं! हो सकता है कि पिटबुल एसोसिएशन की झारखंड शाखा भी भाजपा के अधीन लोकपाल समिति के रूप में ‘मूनलाइटिंग’ कर रही हो।’

दरअसल बीजेपी नेता निशिकांत दुबे मोइत्रा के ख़िलाफ़ शिकायत लेकर लोकपाल के पास गए थे। दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था। उधर मोइत्रा के ख़िलाफ़ आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसे लोकसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। दुबे ने मोइत्रा पर गिफ्ट के बदले व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अदानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। हालांकि मोइत्रा ने किसी भी ग़लत काम से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अदानी समूह के सौदों पर सवाल उठाए थे।

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