उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग हादसा: 12 नवंबर से अन्दर फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए शुरू हुआ वर्टिकल ड्रि​लिंग का काम, जाने कब तक पूरा हो जायेगा मजदूरों को बचाने का रेस्क्यू आपरेशन

मो0 कुमेल

डेस्क: उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए पहाड़ के ऊपर से वर्टिकल ड्रि​लिंग शुरू कर दी गई है। वहीं सुरंग में गिरे मलबे के भीतर से हो रही ड्रिलिंग का काम अभी भी रूका हुआ है। हालांकि हैदराबाद से आई प्लाज़्मा मशीन ने अपना काम शुरू कर दिया है और अंदर फंसी ऑगर मशीन के हिस्से को काट कर निकालने की कोशिश की जा रही है।

सुरंग के बाहर हुए एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तराखंड सरकार के सचिव और इस ऑपरेशन के नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने ये जानकारी दी है। नीरज खैरवाल ने बताया, ‘उम्मीद है कि आज रात या कल सुबह तक ऑगर मशीन के फंसे हुए ब्लेड को काटकर बाहर निकाल लिया जाएगा।’

महमूद अहमद ने बताया, ‘हम इस स्थिति में पहुंच गए कि कल से हमने 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है। हमने एसजेवीएनएल को 1-1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए कहा है। हमने अपने जियोलॉजिस्ट से उन स्थानों की पहचान की जहां ड्रिलिंग बेहतर हो सकती है। अभी तक लगभग 15 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग की जानी है। हमें लगता है कि यह अगले 2 दिनों में पूरा हो जाएगा।’

वहीं सुरंग के दूसरे साइड से क्षैतिज ड्रिलिंग के बारे में महमूद अहमद ने बताया कि दो दिन बाद यानी 28 नवंबर से यह काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह एक लंबी प्रक्रिया है। क्षैतिज ड्रिलिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हमारे पास 15 दिनों की डेडलाइन है। यदि ये 180 मीटर की दूरी पर है, तो प्रतिदिन 12 मीटर की गति से काम कर पाएगा। हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं, इसका डिजाइन बनाया गया है और इसकी मंजूरी दे दी गई है।’

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