देखे वीडियो: उत्तराखंड के उत्तर काशी में टनल के अन्दर फंसे मजदूरों का पहली बार आया वीडियो सामने, 10वे दिन जारी है राहत और बचाव कार्य
फारुख हुसैन
डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव में बन रही एक सुरंग के धंस जाने से उसमें काम कर रहे 41 मजदूर को अन्दर फंसे हुए आज 10व दिन हैं। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य आज 10वे दिन भी जारी है। आज मजदूरों को कल सुरंग के अन्दर पड़ी पाइप के ज़रिये गर्म खिचड़ी खाने को दी गई है।
बताते चले कि अन्दर फंसे मजदूरों को अधिक मात्रा में खाना पहुंचाने के लिए छह इंच लंबी पाइप कल सोमवार को टनल तक बिछाया गया है ताकि अधिक मात्रा में खाना औऱ ज़रूरत की चीज़ें पहुंचायी जा सकें। आज उन मजदूरों का एक वीडियो सामने आया है। 10 दिनों में पहली बार कैमरा इसी पाइप से अन्दर डाल कर वीडियो बनाया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह वीडियो जारी करते हुवे बताया है कि 10 दिनों में पहली बार मजदूरों के लिए गर्म खाना अन्दर गया है और उम्मीद इनके जल्द बाहर निकल आने की है। बताते चले कि दिवाली की सुबह से ये मज़दूर अन्दर फंसे हुए हैं और आज 10 दिन बाद टनल में फंसे मज़दूरों का पहला वीडियो सामने आया है।
VIDEO | First visuals of workers stuck inside the collapsed Silkyara tunnel in #Uttarkashi, Uttarakhand.
Rescuers on Monday pushed a six-inch-wide pipeline through the rubble of the collapsed tunnel allowing supply of larger quantities of food and live visuals of the 41 workers… pic.twitter.com/mAFYO1oZwv
— Press Trust of India (@PTI_News) November 21, 2023
इस वीडियो के आने के बाद उम्मीद बढ़ी है कि लोगों हालत अभी ठीक है। यह विजुअल इंडोस्कोपिक कैमरा के ज़रिए क़ैद किया गया है। इस कैमरे को छह इंच की फ़ूड पाइपलाइन से भेजा गया था। वीडियो में दिख रहा है कि मज़दूर पीले और सफ़ेद हेलमेट पहने हुए हैं। इसमें ये भी दिख रहा है कि वे पाइपलाइन के ज़रिए खाना ले रहे हैं और एक-दूसरे से बात कर रहे हैं।
यह वीडियो फुटेज मज़दूरों के परिजनों को आश्वस्त करने में मददगार साबित हो सकता है। नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लीमिटेड के निदेशक अंशु मनीष खालखो ने कहा कि टनल के भीतर से लोगों का हालचाल जान पाना एक बड़ी कामयाबी है। अंशु मनीष खालखो ने कहा, ‘हमने 53 मीटर का पाइप टनल में फँसे मज़दूरों तक भेजा है। यह पहली और बड़ी उपलब्धि है। अगला क़दम ज़्यादा अहम है।’