सिद्धार्थनगर: आमंत्रण पर MLA सय्यदा खातून आई थी मन्दिर, उनके आने नाराज़ हिंदूवादी संगठन नेताओं ने धुलवाया मन्दिर, घटना से नाराज़ आयोजक कृष्ण दत्त शुक्ला ने कहा ‘मेरा मदिर है, सदियों से हिन्दू मुस्लिम सभी आते है, ये विवाद क्यों?’
शाहीन बनारसी
डेस्क: सिद्धार्थनगर के बलवा गांव में स्थित साम्या माता मंदिर में आयोजित सतचंडी महायज्ञ के आयोजक कृष्णदत्त शुक्ला द्वारा डुमरियागंज से सपा विधायक सय्यदा खातून को आमंत्रित किया था। सपा विधायक इस आमंत्रण पर मंदिर के महायज्ञ में पहुची और वहा आयोजको के द्वारा उनका स्वागत किया गया। इन सबके बीच सब कुछ सामान्य सा था, मगर दुसरे दिन भाजपा नेता और चाफा से नगर पंचायत चेयरमैन धर्मराज वर्मा द्वारा गंगाजल, गोमूत्र और गोबर से मन्दिर धुलवाने और मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करवा कर कथित रूप से मंदिर के शुद्धिकरण करवाने के समाचार ने विवाद पैदा कर दिया।
खबरिया वेब साईट द प्रिंट ने अपनी खबर में लिखा है कि सिद्धार्थनगर जिले में चाफा नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ उन्होंने बाद में मंदिर को ‘शुद्ध’ किया। उन्होंने कहा, ‘गाय खाने वाले का प्रवेश निश्चित रूप से स्थल की शुद्धता का उल्लंघन है।’ नगर पंचायत सदस्य धर्मराज वर्मा के जिन्होंने इस साल मई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से नगर निगम चुनाव लड़ा था के साथ उनके समर्थको द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर परिसर में गंगाजल और पंचगव्य (दूध, मूत्र, गोबर, घी और दही) छिड़कते देखा गया।
नवभारत टाइम्स और लाइव हिंदुस्तान ने अखिलेश वर्मा के बयानों के आधार पर लिखा है कि उन्होंने खा है कि गाय खाने वाला कोई शख्स ऐसे स्थल में प्रवेश करता है, तो मंदिर की शुद्धता और दिव्यता भंग हो जाती है”। उन्होंने विधायक को ‘शतचंडी महायज्ञ’ में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करने पर हिंदुओं को भी फटकार लगाते हुवे कहा है कि ‘देवी का यह स्थल अत्यंत पवित्र है। न केवल हमारे नगर पंचायत के लोग, बल्कि पड़ोसी जिलों के लोग भी देवी के दर्शन और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां आते हैं। कल, यहां शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया था, जहां हमारे ही कुछ लोगों ने स्थानीय विधायक सैय्यदा खातून को बुलाया और हिंदुओं को चिढ़ाने की कोशिश की।’
भाजपा नेता अखिलेश वर्मा के इस बयान और मंदिर धुलवाने के घटना से नाराज़ मंदिर में महायज्ञ आयोजित करने वाले कृष्णदत्त शुक्ला ने हिंदू संगठन और भाजपा नेता के मंदिर धोने पर ही सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ‘जब मंदिर में हमने शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया तो हमारे डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में जितने प्रत्याशी थे, हमने सभी को न्यौता दिया था। सबको न्यौता देने के बाद जो हमारे पास आया उसका हमने स्वागत किया। वो मंदिर मेरा है और आज से नहीं है। सदियों से हिंदू और मुसलमान इस मंदिर में जाते थे। अलग-अलग धर्म के लोग आज भी मंदिर में जाते हैं। ये विवाद किस बात को लेकर फैला रहे हैं हम?’
कृष्ण दत्त शुक्ला सवाल उठाते हुवे कहा हैं कि ‘अगर एक मुसलमान के मंदिर जाने पर मंदिर अपवित्र हो जाता है तो हिंदू भी तो मुसलमानों के तीर्थ स्थानों पर जाते हैं। तो उन्हें भी उनके स्थलों पर नहीं जाना चाहिए। हमारे लिए कोई अपवित्र नहीं है। ग्रन्थों में भी यही लिखा है कि मंदिर में जात-पात का कोई भेदभाव नहीं होता है। मंदिर तो धार्मिक स्थल है, वहां कोई भी जाकर के अपना शीश झुका सकता है।’ वही दूसरी तरफ सपा विधायक सैय्यादा ख़ातून पूरे मामले को तूल नहीं देने की बात करते हुए कहती हैं, ‘अगर मेरे क्षेत्र की जनता मुझे बुलाएगी तो मैं ज़रूर जाउंगी। मेरे लिए मंदिर और मस्जिद, सब खुदा के घर हैं।’
विधायक सैय्यदा ख़ातून ने पूरे विवाद पर कहा कि ‘धर्मराज वर्मा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, सोशल मीडिया में और क्षेत्र की जनता के बीच अपना नाम बनाने के लिए वह ऐसा करते हैं। इन जैसे लोगों की बातों और काम पर मैं ध्यान नहीं देती हैं। ऐसे लोगों को ज़्यादा तवज्जो देने की ज़रूरत नहीं है। धर्मराज वर्मा जैसे लोगों की जगह और इलाज आगरा के अस्पताल में हो सकता है।’