करोडो रूपये बैक लोन घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटरों कपिल वधावन और धीरज को दी गई वैधानिक जमानत किया रद्द

ईदुल अमीन

डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपये के बैंक लोन घोटाला मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रमोटरों कपिल वधावन और उनके भाई धीरज को दी गई वैधानिक जमानत रद्द कर दी। डीएचएफएल के बही-खातों में कथित हेराफेरी और कंसोर्टियम बैंकों के वैध बकाया के भुगतान में बेईमानी से चूक करके उस राशि का अधिकतर हिस्सा कथित तौर पर निकाल लिये जाने का आरोपियों पर गम्भीर आरोप है।

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, जस्टिस बेला एम0 त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने सीबीआई की अपील को स्वीकार कर लिया, जिसमें तर्क दिया गया कि जमानत तब भी दी गई थी जब एजेंसी ने समयसीमा के भीतर अपना आरोप पत्र दायर किया था। कोर्ट ने कहा कि जमानत देना कानून में एक गंभीर त्रुटि थी और वधावन बंधुओं को हिरासत में लेने का आदेश दिया गया। एक ट्रायल कोर्ट ने दिसंबर 2022 में अधूरी चार्जशीट का हवाला देते हुए वधावन बंधुओं को वैधानिक जमानत दी थी।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर दो भाइयों को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि डीएचएफएल, उसके तत्कालीन सीएमडी कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और अन्य आरोपी व्यक्तियों ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम को कुल मिलाकर 42,871.42 करोड़ रुपये के लोन स्वीकृत करने के लिए प्रेरित करके धोखाधड़ी करने की आपराधिक साजिश रची।

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