संघ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुवे मोहन भागवत ने उठाया मणिपुर हिंसा का मुद्दा, चुनावो में हेट स्पीच की जमकर किया आलोचना
आदिल अहमद
डेस्क: मणिपुर हिंसा पर विपक्ष सरकार पर पिछले साल से ही हमलावर है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस राज्य में हिंसा के एस साल बाद भी प्रधानमंत्री के वहां न जाने का मुद्दा उठाता रहा है। अब मोहन भागवत नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम के दौरान भाषण में मणिपुर का मुद्दा उठाया है और कहा है कि एक वर्ष से मणिपुर शांति की राह देख रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि ‘उससे पहले दस साल वहां शांति रही। ऐसा लगा पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया है। अचानक वहां पर उपज गया या उपजाया गया… उसकी आग में अभी तक चल रहा है…. त्राहि त्राहि कर रहा है। कौन उस पर ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर, उस पर विचार करना, ये एक कर्तव्य है।’
मणिपुर के अलावा मोहन भागवत ने चुनावों के दौरान प्रतिस्पर्धा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रचार के दौरान एक मर्यादा का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘असत्य का उपयोग नहीं करना चाहिए। चुने हुए लोग देश की संसद में जाएंगे और सहमति बनाकर देश को चलाएंगे। हमारे यहां परंपरा सहमति बनाकर चलने की है। प्रचार के दौरान जिस प्रकार ये बातें हुईं, लताड़ना हुआ… जिस प्रकार प्रचार के दौरान हमारे करने से समाज में मनमुटाव बढ़ेगा दो गुट बंटेंगे, आपस में शंका-संशय उत्पन्न होगा…। इसका भी ख़्याल नहीं रखा गया।’