कर्णाटक में वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम जैसी सरकारी संस्था में एक और धन गबन का मामला आया सामने, वर्ष 2021 और 2022 में हुआ अवैध रूप से पैसा ट्रांसफर
तारिक़ खान
डेस्क: कर्नाटक में वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम जैसी सरकारी संस्था से धन के गबन का दूसरा मामला सामने आया है। इस बार, आईडीबीआई बैंक और डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से बागलकोट पर्यटन विकास समिति के धन का अवैध ट्रांसफ़र हुआ है।
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई एफ़आईआर में कहा गया है कि 2।63 करोड़ रुपये की धनराशि को ‘धोखाधड़ी के इरादे से’ ट्रांसफ़र किया गया था। सरकारी धन की ठगी का सिलसिला अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ था जब पर्यटन विभाग के खाते से 1.35 लाख रुपये लेकर पहला खाता खोला गया था। दूसरा मई 2022 में 1.01 लाख रुपये के साथ और तीसरा खाता अक्टूबर 2022 में 10.43 लाख रुपये के साथ खोला गया था।
पर्यटन, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि विस्तृत जांच की जा रही है और पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक मामले में कार्रवाई की जाएगी। महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 88 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण घोटाला सामने आने के तुरंत बाद पाटिल ने सभी पर्यटन विभाग निकायों से अपने खातों की जांच करने को कहा था, जिसके बाद ये जानकारी सामने आई है।
वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच के लिए कांग्रेस सरकार ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया। तीन दिन पहले केंद्र सरकार के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निगम, पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और अन्य अधिकारियों के कार्यालयों पर छापेमारी कर कार्रवाई शुरू कर दी। नागेन्द्र को पूछताछ के लिए ले जाया गया और बाद में ईडी ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। उनको बाद में कोर्ट में पेश किया गया जहां अदालत ने उन्हें ईडी की रिमांड पर भेज दिया।