मुज़फ्फरनगर प्रशासन ने दुकानों पर मालिक और कर्मचारियों का नाम डिस्प्ले करने के आदेश पर लिया यु-टर्न, कहा आदेश नही स्वेच्छा से जो लिखना चाहे लिखे, प्रशासन का कोई दबाव नही है
तारिक़ खान
डेस्क: मुज़फ्फरनगर जिला प्रशासन ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें हर दुकानदार, होटल और ठेले वाले को दुकान के बाहर मालिक और संचालक का नाम लिखने को कहा गया था। समझा जा रहा है कि इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवालों के बाद ये फैसला लिया गया है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताया था और कहा कि ये आदेश उन हिंदूवादी संगठनों की मांग के चलते जारी किया गया है जो काफी समय से कांवड़ यात्रा मार्ग पर मुस्लिम दुकानदारों को बैन करने की मांग कर रहे थे। हालांकि पुलिस ने इसे लेकर यही तर्क दिया था कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर किसी भी तरह के विवाद को रोकने के लिये प्रशासन ने ये फैसला लिया है।
हालांकि 24 घंटों के भीतर ही इस आदेश का विरोध देखते हुए प्रशासन ने अपना फैसला पलट दिया। अब प्रशासन ने इस मसले पर सफाई जारी करते हुए कहा है कि ये निर्देश स्वैच्छिक है, यानी जो दुकानदार अपनी मर्जी से अपना या दुकान संचालक का नाम दुकान के बाहर लिखना चाहें वो लिख सकते हैं। नाम डिस्प्ले करने को लेकर पुलिस की ओर से कोई अनिवार्यता नहीं है।
22 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। सावन के पहले दिन से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। पश्चिमी यूपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश से लाखों कांवड़िए हरिद्वार के लिए निकल पड़ेंगे। मगर यात्रा से पहले यूपी सरकार के इस आदेश को लेकर विवाद पैदा हो गया था। यूपी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों और ठेले वालों के लिए ये आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि दुकानदार सभी दुकानों, ठेलों और ढाबों के बाहर अपना नाम डिस्प्ले करें जिससे कावंड़ यात्री जान सकें कि उस दुकान से खरीदा गया सामान उनकी धर्मिक आस्था के मुताबिक ही है।
जब मामले ने तूल पकड़ा तो प्रशासन ने तुरंत यू-टर्न ले लिया। इसके बाद पुलिस विभाग की ओर से जारी स्पष्टीकरण में अब दुकानदारों से कहा गया है कि वो अगर चाहें तो अपने मन मुताबिक अपना और संचालक का नाम दुकान के बाहर लिखें वरना इसे लेकर कोई अनिवार्यता नहीं है।