कथित गौरक्षको ने मैगी खाकर लौट रहे आर्यन मिश्रा को गौतस्कर समझ 20 किलोमीटर किया पीछा और गोली मार किया हत्या, हत्यारोपी आदेश, कृष्णा, वरुण और अनिल गिरफ्तार

ईदुल अमीन

डेस्क: खुद को स्वघोषित गौरक्षक समझ कर सड़क पर दबंगई करना और गुंडागर्दी करते हुवे कानून अपने हाथो में लेकर खुद ही जज बनकर फैसला देकर ‘जस्टिस आन स्पॉट’ करने वालो की हरकते घरो के चराग बुझाती जा रही है। ऐसा ही एक मामला 23 अगस्त की रात दरपेश आया था आगरा दिल्ली हाईवे पर जहा गोरक्षक खुद को कहने वाले आदेश, कृष्णा, वरुण और अनिल ने मैगी खाकर वापस लौट रहे युवक की गोली मार कर हत्या कर दिया। मृतक आर्यन मिश्रा कक्षा 12 का छात्र था।    

मामला दिल्ली आगरा हिघ्वे पर स्थित गद्पुरी टोल के पास का है। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान आदेश, कृष्णा, वरुण, और अनिल कौशिक के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी गौरक्षक बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने लगभग 20 किलोमीटर तक कार का पीछा किया और पशु तस्कर समझकर उसमें बैठे लोगों पर गोलीबारी कर दी। इस गोलीबारी में आर्यन को गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया है।

पुलिस ने गदपुरी टोल पर लगे सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की है। सीसीटीवी में कार का पीछा करते हुए आरोपियों का वीडियो कैद हो गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि 23 अगस्त की रात आरोपियों को किसी मुखबिर से सूचना मिली थी कि फॉर्च्यूनर और डस्टर कार में कुछ पशु तस्कर शहर में रेकी कर रहे हैं और जहां भी उन्हें पशु मिल रहे हैं, वे उन्हें उठाकर ले जा रहे हैं। सूचना मिलने पर चारों आरोपी डस्टर और फॉर्च्यूनर कार को ढूंढने लगे।

फरीदाबाद के पटेल चौक पर उन्हें एक डस्टर कार दिखाई दी, जिसे उन्होंने रोकने की कोशिश की, लेकिन कार चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और तेजी से भागने लगा। इसके बाद आरोपियों ने कार का पीछा किया। डस्टर कार में बैठे हर्षित और शैंकी पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिससे उन्हें शक हुआ कि या तो दूसरे पक्ष के लोग हमला करने की फिराक में हैं या फिर सादी वर्दी में क्राइम ब्रांच उन्हें गिरफ्तार करने आई है।

इस डर से उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी और कार की गति बढ़ा दी। इसे देखकर आरोपियों को शक हुआ कि वे वास्तव में पशु तस्कर हैं और उन्होंने कार पर फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में एक गोली गाड़ी के पिछले शीशे को तोड़ते हुए ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे आर्यन मिश्रा की गर्दन में लगी। इसके बाद हर्षित ने कार को रोक दिया। कार रुकते ही आरोपियों ने दूसरी गोली आर्यन के सीने में मार दी, जब आरोपियों ने देखा कि गाड़ी में आर्यन, शैंकी, शैंकी का छोटा भाई हर्षित और दो महिलाएं थीं, तो वे समझ गए कि उन्होंने गलतफहमी में किसी और को गोली मार दी है। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।

24 अगस्त को आर्यन की मौत इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में हो गई। इस मामले में मृतक आर्यन के पिता ने पुलिस को लिखित में शिकायत दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और पुलिस ने उन्हें दो दिन की रिमांड पर लिया।

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