धरनारत जूनियर डाक्टरों से उनके धरना स्थल पर मिलने पहुची ममता बनर्जी ने कहा ‘मैं यहाँ सीएम के तौर पर नही आपकी दीदी के तौर पर आई हुई, आपके आन्दोलन को सलाम करती हु, मुझे थोडा वक्त दे’
आदिल अहमद
डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार दोपहर को अचानक साल्टलेक में जूनियर डॉक्टरों के धरना स्थल पर पहुंच गईं। यह लोग बीते महीने से आरजी कर अस्पताल में रेप और हत्या मामले में न्याय की मांग में आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को लाइव प्रसारण की जिद की वजह से ममता के साथ आंदोलनकारी डॉक्टरों की प्रतिनिधिमंडल की बैठक नहीं हो सकी थी।
ममता के साथ पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार मौजूद थे। ममता के वहां पहुंचते ही अफऱा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। जूनियर डॉक्टरों को उनके वहां आने की कोई सूचना नहीं थी। ममता कुछ देर तक हाथ में माइक लेकर खड़ी रहीं। उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से अनुरोध किया कि उनको अपनी बात कहने का मौका दिया जाए। ममता ने वहां कहा कि वो उनके आंदोलन को सलाम करती हैं। वो भी छात्र आंदोलन की ही उपज हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि आपकी ‘दीदी’ के रूप में मिलने आई हूं। आप लोगों के सड़क पर होने की वजह से मैं भी रातों को सो नहीं सकी हूं। पहरेदार के तौर पर मुझे जागना पड़ा है। अगर आप लोग काम पर लौट आएं तो मैं वादा करती हूं कि आपकी सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करूंगी। सबके साथ बातचीत होगी और दोषियों को सजा मिलेगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सीबीआई से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग करती हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से वक्त मांगा है और कहा कि वो उनकी सभी मांगों पर विचार करेंगी और इस मुश्किल का समाधान ज़रूर निकालेंगी। वहीं, जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी के साथ हुई बातचीत के बाद कहा है कि जब तक चर्चा नहीं होती, वो अपनी मांगों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने डॉक्टरों से जल्द काम पर लौटने की अपील की। साथ ही उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार बीते दिनों प्रदर्शनों में शामिल डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
इस दौरान आला पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी भी ममता बनर्जी के साथ मंच पर मौजूद रहे। “मैं अकेली सरकार नहीं चलाती, लेकिन आपकी मांगें देखने के बाद अधिकारियों और वरिष्ठ डॉक्टरों से चर्चा करने के बाद मैं ज़रूर इसका समाधान निकाल सकूंगी। मुझे थोड़ा वक्त दीजिए। मैं सीबीआई से अनुरोध करूंगी कि वो इस मामले की जल्द से जल्द जांच करें ताकि 3 महीने के भीतर दोषी को फांसी दी जा सके।‘
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ सभी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को भंग कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘अब जो नई रोगी कल्याण समिति बनेगी उसमें प्रिंसिपल चेयरमैन रहेंगे, जूनियर और सीनियर डॉक्टर प्रतिनिधि के रूप में रहेंगे, एक नर्स भी इसकी सदस्य होंगी, इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी भी सदस्य के तौर पर इसके सदस्य रहेंगे। मैं आपसे कह सकती हूं कि दोषियों के प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं बरती जाएगी। आप आपस में बात करिए और क्या करना है ये तय करिए और मेरी गुज़ारिश है कि काम पर लौटिए।’