कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्णाटक में पांच गारंटियो को लागू करने पर संदेह जताने के लिए कर्णाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार की किया आलोचना

आदिल अहमद

डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में पांच गारंटियों को लागू करने पर “संदेह” जताने के लिए राज्य के कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने बुधवार को एक मीटिंग में कहा था कि उनको उन महिलाओं के कई मैसेज और मेल मिले थे जिन्होंने उन्हें बताया था कि वे बस में यात्रा करने के लिए पैसे दे सकती हैं लेकिन बस के कंडक्टर उनसे पैसे लेने के लिए मना कर रहे थे।

गुरुवार की सुबह इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए खड़गे अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां उनके बायें तरफ शिवकुमार बैठे थे। तभी खड़गे उनकी तरफ देखते हैं और कहते हैं, ‘आज आपने ऐसा कहा कि आप गारंटी को लागू नहीं करेंगे।’ इस बात पर शिवकुमार कहते हैं, ‘हम इस पर चर्चा करेंगे, ऐसी महिलाओं की संख्या यहां 5 से 10 फ़ीसदी ही है, देखा जाएगा।’ तभी खड़गे के दाईं ओर बैठे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘नहीं।।नहीं।’ इस पर खड़गे ने कहा, ‘आप अख़बार नहीं पढ़ते हैं, हम पढ़ते हैं।। खैर जाने दीजिए।’

सिद्धारमैया ने फिर से हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘उन्होंने जो कहा, हम उस पर विचार करेंगे।’ तभी मुस्कुराते हुए खड़गे ने कहा कि ‘आपने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया है। इससे दूसरों (विपक्ष) को मदद मिलेगी।’ खड़गे ने कहा, ‘5 या 6 फीसदी मत कहिए..। आपके पास गारंटी देने के लिए बचत है। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते और बजट के बाहर से पैसे लेते हैं, तो आपकी वित्तीय स्थिति चरमरा जाएगी। इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। इस बारे में बात क्यों करें।’ खड़गे ने कहा, ‘महाराष्ट्र में घोषणा करने से पहले राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि बजट में इसकी क्षमता है या नहीं। देरी से किए गए अध्ययन के बाद ही हमने नागपुर, मुंबई और अन्य जगहों पर इसकी घोषणा की।’

इस दौरान शिवकुमार पूरे समय मुस्कुराते रहे। बाद में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया और विपक्ष ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। शिवकुमार कहते हैं, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है। यह मीडिया और विपक्ष है जो इसमें भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने बस इतना कहा कि मुझे नौकरीपेशा महिलाओं से संदेश और मेल मिले हैं। उन महिलाओं बताया कि उन्हें परिवहन भत्ता मिलता हैं और वह बस के किराए का खर्चा उठा सकती हैं, वो किराया देकर यात्रा करने को तैयार थे। जब वो कह रही हैं कि वह टिकटों के लिए पैसे देने के लिए तैयार हैं तो हम उन्हें क्यों रोकें? महिला के लिए मुफ्त यात्रा एक गारंटी थी जिसकी घोषणा राहुल गांधी और मैंने मंगलुरु में की थी। पांच गारंटियों में से किसी को भी हटाने का कोई सवाल ही नहीं है।’

इन गारंटी से राज्य के ख़ज़ाने पर 57,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। सत्ताधारी दल के कई विधायकों ने सरकार से कहा है कि इन गारंटियों पर खर्च उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास फंड को कम कर रहा है। परिवहन मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने पहले मीडिया से बात करते हुए बताया था कि ऐसी कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं है। जब उन्हें शिवकुमार के बयान के बारे में बताया गया, तब उन्होंने कहा, ‘शायद कुछ लोग जो मर्सिडीज़ कारें रखते हैं, उन्होंने कहा होगा कि इस योजना की कोई ज़रूरत नहीं है।’ केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी और प्रह्लाद जोशी समेत विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेताओं ने चुनावी वादे से पीछे हटने के लिए सरकार पर निशाना साधा है।

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