ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन का इजराइल के पीएम नेतन्याहू पर गंभीर आरोप, कहा ‘नेतन्याहू ने उनके वाशरूम में ख़ुफ़िया उपकरण लगाया था’
आदिल अहमद
डेस्क: ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जानसन ने अपनी किताब ने एक बड़ा खुलासा करते हुवे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहु पर जासूसी का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने यह आरोप अपनी पुस्तक अनशील्ड में लगाया है, जिसका एक अंश ‘द टेलीग्राफ ने आज प्रकाशित किया है। किताब बहुप्रतीक्षित है और 10 तारिख को बाज़ार में उपलब्ध होगी।
बताते चले कि जॉनसन साल 2016 से 2018 तक ब्रिटेन के विदेश मंत्री रहे थे। जबकि 2019 से लेकर 2022 तक वो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे थे। हालांकि साल 2022 में उनको इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल, उन पर आरोप था कि लॉकडाउन के दौरान पीएम के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट और उसके आसपास की दूसरी सरकारी इमारतों में पार्टियां हुई थीं। लॉकडाउन के नियमों को धता बताकर। अंग्रेजी अख़बारों में खबर चली। जिसके बाद लंदन पुलिस ने जांच की थी। बोरिस जॉनसन पर आरोप लगा कि उन्होंने लापरवाही के चलते या जानबूझकर सांसदों को गुमराह किया और सरकारी इमारतों में पार्टी की। इस पॉलिटिकल स्कैंडल को ‘पार्टीगेट’ नाम दिया गया। जिसके बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।
जॉनसन के मुताबिक ये वाकया साल 2017 का है। तब वो ब्रिटेन के विदेश मंत्री हुआ करते थे। नेतन्याहू साल 2017 में ब्रिटेन के दौरे पर आए हुए थे। जॉनसन ने दावा किया कि इस दौरान नेतन्याहू उनकी जासूसी करने की फिराक में थे। जॉनसन के मुताबिक दोनों नेताओं की मुलाकात ब्रिटिश फॉरेन ऑफिस में हुई थी। इस दौरान नेतन्याहू ने जॉनसन के निजी बाथरूम का इस्तेमाल किया था। जॉनसन ने दावा किया कि कुछ समय बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने बाथरूम से एक सुनने वाली डिवाइस बरामद की थी।
जॉनसन ने इस किताब में नेतन्याहू को ‘बीबी’ नाम से बुलाया है। ‘द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक किताब में जॉनसन ने लिखा कि नेतन्याहू ने बाथरूम जाने का बहाना बनाया। यह बाथरूम एक पॉश लंदन क्लब के बाथरूम जैसा था, जो एक सीक्रेट एनेक्स के अंदर था। वह कुछ देर तक अंदर रहे। बाद में मुझे बताया गया कि बाथरूम के अंदर थंडर बॉक्स में एक सुनने वाला उपकरण मिला है।
जॉनसन ने ‘द टेलीग्राफ को बताया कि इस बारे में उन्होंने अपनी किताब में पूरी जानकारी साझा की है। हालांकि इस बारे में इजरायल को किसी तरह की फटकार लगाई गई थी या नहीं, ये साफ नहीं है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट में बताया गया कि ये वाकया तब का है, जब इजरायल पर वॉइट हाउस में जासूसी का भी आरोप लगा था। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस खबर को लेकर कहा था कि ये भरोसा करने लायक नहीं है। हालांकि नेतन्याहू ने उस दौरान इस तरह की बातों का खंडन किया था।
नोट: इस प्रकार कानून हाथ में लेने से सिर्फ आपका ही नहीं आपके परिवार का जीवन और भविष्य बर्बाद हो सकता है। अदालतों का काम इन्साफ देना है और अदालते इन्साफ देती है। भले देर से ही सही हक की लड़ाई में सच की जीत होती है। ऐसे बदले की भावना से खुद भी बचे और समाज में ऐसा कोई बदले की भावना से जल रहा है तो उसका सहयोग करे जिससे वह इस मानसिक तनाव से बहार निकल सके। आँख के बदले आँख का कानून बनाने से एक दिन पूरा मुआशरा बिन आँखों का हो जायेगा।