हरियाणा विधानसभा चुनाव: मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने चखा हार का स्वाद, कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया के हाथो मिली हार
प्रमोद कुमार
डेस्क: हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया ने गोपाल कांडा को 7 हजार 234 वोटों से हरा दिया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, गोकुल सेतिया को कुल 79 हजार 20 वोट मिले। वहीं गोपाल कांडा के खाते में 71 हजार 786 वोट आएं।
गोपाल कांडा सिरसा से मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री हैं। गोपाल कांडा हरियाणा लोकहित पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें बीजेपी का समर्थन हासिल है। वह 2009 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्य मंत्री बने थे। इसके बाद 2014 में कांडा ने हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन किया। सिरसा सीट पर गोपाल कांडा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया से माना जा रहा है। गोपाल कांडा और गोकुल सेतिया दोनों पड़ोसी हैं। दोनों का घर आमने-सामने हैं। और अब चुनावी मैदान में भी दोनों आमने-सामने हैं।
2019 में सिरसा विधानसभा से गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की थी। कांडा हरियाणा लोकहित पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे। उन्हें कुल 44,915 वोट मिले। दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार गोकुल सेतिया रहे। उन्हें 44,313 वोट मिले। और मात्र 602 वोटों के अंतर से उनको हार मिली। बीजेपी के प्रदीप रातुसारिया को 30,142 वोट मिले। और वे तीसरे स्थान पर रहे। 2014 में सिरसा विधानसभा से इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार मक्खन लाल सिंगला ने 2938 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 46,573 वोट मिले। दूसरे नंबर पर हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा रहे। उन्हें 43,635 वोट मिले। वहीं बीजेपी प्रत्याशी सुनील सेतिया को 38,742 वोट मिले। और वे तीसरे स्थान पर रहें।
5 अगस्त 2012 को एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने खुदकुशी कर ली थी। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था। जिसमें उन्होंने कथित रूप से गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा का जिक्र किया था। गीतिका की आत्महत्या के छह महीने बाद उनकी मां ने भी खुदकुशी कर ली थी। और उन्होंने भी सुसाइड नोट में कथित तौर पर गोपाल कांडा का नाम लिया था। इस मामले में 18 अगस्त 2012 को गोपाल कांडा को गिरफ्तार किया गया था। गोपाल कांडा पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी) 201 (सबूत नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) के तहत आरोप लगाए गए थे।
इसके अलावा ट्रायल कोर्ट ने कांडा के खिलाफ बलात्कार (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने बाद में आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत आरोपों को खारिज कर दिया था। गोपाल कांडा लगभग 18 महीन जेल में रहे। और फिर मार्च 2014 में कांडा को जमानत मिल गई। 25 जुलाई 2023 में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गीतिका शर्मा हत्याकांड में गोपाल कांडा को बरी कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जस्टिस विकास ढुल ने मामले में सह-अभियुक्त अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया।