हरियाणा चुनाव: कांग्रेस ने सौपी चुनाव आयोग को 20 विधानसभा सीट की लिस्ट, कहा ‘ईवीएम से हुई छेड़छाड़, जांच किया जाए’
मो0 कुमेल
डेस्क: हरियाणा चुनावो में मतगणना के दरमियान से ही कांग्रेस चुनावो की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का आरोप है की कई सीट ऐसी थी जहा ईवीएम 99 फीसद तक चार्ज थी, जो असंभव है। कांग्रेस ने पहले 7 सीटो की लिस्ट चुनाव आयोग को भेजा था, वही अब कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 13 और सीटों की लिस्ट भेजी है। और उनसे जुड़ी शिकायत भी। आरोप है कि उन सीटों पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई। कांग्रेस की तरफ से अब तक कुल 20 सीटों पर गड़बड़ी के आरोप लगाए जा चुके हैं। इन सभी पर कांग्रेस हार गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अक्टूबर को भेजे गए ताजा मेमोरेंडम में 13 सीटें इंद्री, बड़खल, फरीदाबाद एनआईटी, नलवा, रानिया, पटौदी, पलवल, बल्लभगढ़, बरवाला, उचाना कलां, घरौंदा, कोसली और बादशाहपुर – के बारे में शिकायतें शामिल हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ईवीएम को सील करने और विस्तृत जांच करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने पोस्ट में लिखा, ‘उठाए गए मुद्दों और 9 अक्टूबर को चुनाव आयोग को सौंपी गई एप्लीकेशन को आगे बढ़ाते हुए, हमने हरियाणा में 20 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया में गंभीर और स्पष्ट अनियमितताओं को उजागर करते हुए एक अपडेटेड मेमोरेंडम पेश किया है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान लेगा और उचित निर्देश जारी करेगा।’
मेमोरेंडम में पानीपत शहर से कांग्रेस उम्मीदवार वरिंदर कुमार की शिकायत शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि गिनती के दौरान कई ईवीएम कंट्रोल यूनिट में 99% बैटरी दिखाई दी थी। उनका मानना है कि ये बेहद असामान्य और असंभव है क्योंकि मतदान के पूरे दिन मशीनें इस्तेमाल में थीं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उनके चुनाव एजेंट्स को मतगणना हॉल के अंदर फॉर्म 17सी की कॉपी ले जाने की अनुमति नहीं थी और इसकी वजह से चुनाव एजेंट्स को डेटा नहीं मिला सका जिससे छेड़छाड़ का शक हुआ।
फॉर्म 17सी एक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों की संख्या का रिकॉर्ड है और मतदान खत्म होने पर उम्मीदवारों के मतदान एजेंट्स को सौंपा जाता है। रानिया के उम्मीदवार सर्व मित्तर ने भी आरोप लगाया कि चुनाव एजेंट्स को पुलिस ने हॉल के अंदर फॉर्म 17 सी की कॉपी ले जाने की अनुमति नहीं दी। डबवाली के उम्मीदवार अमित सिहाग की शिकायत में कहा गया कि उनकी टीम और मतदाताओं को शक था कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट्स को बदला गया है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने मामले पर 9 अक्टूबर को अखबार को बताया था, ईवीएम की बैटरी की डिस्प्ले यूनिट ने 7.4 वोल्ट तक पहुंचने तक 99% चार्ज दिखाया था। एक बार जब ये उससे नीचे चला जाता है तो वास्तविक प्रतिशत दिखाना शुरू कर देता है। जब बैटरी 10% तक पहुंच जाए तो इसे बदलना होता है। 8 अक्टूबर को मतगणना के दौरान जयराम रमेश ने भी कहा था कि जिन सीटों पर बीजेपी जीती वहां ईवीएम में बैटरी प्रतिशत 99% थी, जबकि 60-70% बैटरी वाली ईवीएम में कांग्रेस जीत रही थी।