यति नरसिम्हानन्द द्वारा पैगम्बर की शान में गुस्ताखी वाले बयान पर ज्ञानवापी मस्जिद की संस्था के सचिव एसएम यासीन ने मुस्लिम समाज से ख़ास अपील करते हुवे कहा ‘हमारे हाथ कानून से बंधे है, वरना इसकी सजा इस्लामिक मुमालिक जैसी होनी चाहिए’

तारिक आज़मी

वाराणसी: अक्सर ही विवादों में रहने वाले डासना मंदिर के महंत यति नरसिम्हानन्द द्वारा पैगम्बर हज़रात मुहम्मद (स0अ0व0) की शान में गुस्ताखी करते हुवे दिए गए बयान से पूरे मुस्लिम समाज में गुस्से की लहर देखा जा रहा है। इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने अपना बयान जारी कर सख्त एतराज़ जताते हुवे मुस्लिम समाज से ख़ास अपील किया गया है।

एसएम यासीन ने कहा कि हमारे हाथ कानून से बंधे हुवे है वरना ऐसे इंसान को वह सज़ा होनी चाहिए जो इस्लामिक शरिया कानून लागू करने वाले मुल्को में होती है। उन्होंने अपनी अपील में आम मुसलमानों से कहा कि ‘मुहिब्बाने मुहम्मद सललाहो अलैहे वसललम आप से ख़ास एक अपील है कि एक बदक़ुमाश क़िस्म के वहशी बदज़ुबान जिसका नाम यति नरसिंहानंद है और अपनी बदज़ुबानी के लिए एक हिस्ट्रीशीटर की शक्ल में जाना जाता है। उसने फिर ज़हरफ़शानी की है और हमारे पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सललाहो अलैहे वसललम के खिलाफ निहायत ही ग़ुसताख़ाना अल्फाज़ का इस्तेमाल किया है।‘

उन्होंने अपनी अपील में कहा कि ‘हमारे हाथ क़ानून से बंधे हुए है अन्यथा इसकी सज़ा इस्लामी मुमालिक में जो होती है वही होनाचाहिए। हम भारत के संविधान और कानून के दायरे में रहते हुए कानूनन के रक्षकों को कानूनी तौर पर सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर कर सकते हैं। आप सभी मुहिबबाने रसूल की आज़माइश का वक्त है। इसके साथ एक प्रार्थना पत्र है उसकी नक़ल निकालकर उस पर थाना का नाम और अपनी हस्ताक्षर व पता आदि लिख कर थानों में जमा कर दें और एक कापी अपने पास रखें।‘ पत्र के अंत में लिखा है ‘एक अदना सा ग़ुलामे मुसतफा, एसएम यासीन’

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  1. अफजल अंसारी ने सभी संतों को गजेड़ी कहा तब आप ने उसके खिलाफ क्यों नहीं न्यूज चलाया?

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