मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान संपन्न, तीनो शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान, सभी अखाड़ो ने दिखाई संवेदनशीलता

अजीत कुमार

प्रयागराज: Maha Kumbh 2025 प्रयागराज महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या आज संपन्न हो गया है। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व पर घटित दुर्घटना के बाद सभी अखाड़ों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान करने का अवसर दिया। बाद में सांकेतिक रूप से स्वयं अमृत स्नान किया।

त्रिवेणी के तट पर लगे आस्था के महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान पर हुआ संपन्न हो गया है। प्रशासन द्वारा दिए गए जानकारी के मुताबिक मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर शाम 6:00 बजे तक लगभग 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। महाकुंभ में घटी घटना के बाद अखाड़े के संतों ने संवेदनशीलता दिखाई।

यह पहला अवसर था, जब साधु, संत, नागा, संन्यासी अखाड़ों के प्रमुखों ने संगम में ऐतिहासिक प्रथम स्नान की प्रतिज्ञा तोड़ दी। परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने अपना ब्रह्म मुहूर्त में अमृत स्नान को स्थगित कर दिया और श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी जी का कहना है कि सभी अखाड़ों ने निर्णय लिया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत पहले उन्हें अमृत स्नान का अवसर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि सभी अखाड़ो ने स्थिति सामान्य होने पर सांकेतिक रूप से स्नान कर परंपरा का निर्वहन किया। सब प्रयागराज महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान में मौनी अमावस्या पर देश के तीनों पीठों के शंकराचार्यों ने भी त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान किया। शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील किया। तीनों पीठों के शंकराचार्य मोटर बोट के माध्यम से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां धार्मिक विधि विधान से उन्हें पूर्ण की डुबकी ली और देश की जनता के कल्याण के लिए आशीर्वाद दिए।

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