केरल में दलित एथलीट युवती से रेप प्रकरण की जांच में ज़ुल्म की इन्तेहा का खुलासा: बलात्कार के 64 मामलो में तीन गैंगरेप, 17 साल के किशोर से लेकर 47 साल के बुड्ढे भी आरोपी, 20 गिरफ्तार

सबा अंसारी

डेस्क: केरल के पथनमथिट्टा में 18 साल की एक दलित छात्रा के साथ कथित यौन उत्पीड़न और गैंगरेप मामले में केरल पुलिस ने 64 में से 20 अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है। इस मामले में जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें छात्रा के पड़ोसी, उनके पिता के दोस्त, स्पोर्ट्स कोच और अन्य लोग भी शामिल हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों में दो अभियुक्त 17 साल के नाबालिग़ हैं, जबकि अन्य अभियुक्त 19 से 47 साल की उम्र के हैं। अभी तक इस मामले में आठ एफ़आईआर दर्ज हुई हैं। ये शिकायतें दो पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई हैं। पथनमथिट्टा ज़िले के डिप्टी एसपी नंदकुमार एस ने मीडिया को बताया, ‘एससी-एसटी एक्ट और पॉक्सो के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं, क्योंकि ये अपराध पिछले पांच सालों में हुए हैं। उस वक्त पीड़िता नाबालिग़ थी। इस बीच गैंगरेप की तीन घटनाएं हुई हैं।’

इस मामले में पीड़ित के पड़ोसी और बचपन के दोस्त को पहला अभियुक्त बनाया गया है। पीड़ित छात्रा उस वक्त 13 साल की थी। इसके अलावा छात्रा के दोस्त पर आरोप है कि वो गैंगरेप मामलों में से कम से कम एक में शामिल था। पथनमथिट्टा ज़िला क्राइम ब्रांच के मीडिया सेल के सजीव एम ने कहा, ‘पहले अभियुक्त के फ़ोन में यौन उत्पीड़न के सबूत हैं, जिसका इस्तेमाल वह छात्रा को ब्लैकमेल करने, उसका यौन शोषण करने और छात्रा को अपने दोस्तों के पास लेकर जाने के लिए करता था’

यह मामला तब सामने आया जब कुटुम्बश्री ‘स्नेहिता’ कार्यक्रम के अंतर्गत कम्युनिटी काउंसिलर की एक टीम पीड़िता के घर गई। बाल कल्याण समिति, पथनमथिट्टा के चेयरपर्सन और एडवोकेट एन राजीव ने मीडिया से कहा, ‘इस कार्यक्रम के तहत बहुत सारे पारिवारिक विवरण इकट्ठा किए जाते हैं और परिवारों को परामर्श दिया जाता है कि वे अपनी समस्याओं से कैसे निपटें। यह तब हुआ जब पीड़िता अपने स्कूल के दिनों के अनुभवों के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन उसने किसी बड़े अधिकारी से बात करने पर ज़ोर दिया और काउंसिलर ने सीधे मुझसे संपर्क किया’

पीड़िता और उसकी मां सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष के कार्यालय गए, जहां पीड़िता ने सारी बातें बताईं। राजीव ने बताया, ‘पीड़िता ने हमारे मनोचिकित्सक से बात की, जबकि उसकी मां बाहर इंतज़ार कर रही थी। मां को अपने पति का फ़ोन लाने के लिए कहा गया और इस तरह अपराधियों के नाम सामने आए’ आमतौर पर सीडब्ल्यूसी से उम्मीद की जाती है कि वह पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अफ़सर को मामले की सूचना दे।

लेकिन राजीव ने कहा, ‘मुझे इस मामले में लगा कि यह एक अलग मामला है। इसलिए हमने पुलिस अधीक्षक को सूचित किया और उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी’ इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार से तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है। केरल महिला आयोग ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। पीड़िता और उनकी मां को सुरक्षित घर में ले जाया गया है।

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