इन्साफ की जद्दोजेहद: जौनपुर के खेतासराय में 20 साल पूर्व गैर इरादतन हत्या मामले में पांच दोषियों को 7 साल की सजा. प्रत्येक व्यक्ति पर 35000 का लगा जुर्माना
मो0 सलीम/फरीद आलम
जौनपुर: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अनिल कुमार यादव की अदालत ने 15 अगस्त 2004 को खेतासराय में अनवर अली की गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी पाए गए पांच आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई है। प्रत्येक दोषी पर 35000 का जुर्माना भी लगाया दोषियों में मजहरुल इस्लाम, मोहम्मद राशिद, फिरोज अहमद, बबलू और अफसार अहमद दोषी पाए गए। अदालत ने 22 जनवरी को पांचों को दोषी करार दिया था और 24 जनवरी को सजा सुनाई।
यह फैसला मुकदमा संख्या 162/2004 धारा 147 भारतीय दण्ड संहिता में 01 वर्ष के कठोर कारावास, धारा 148 भारतीय दण्ड संहिता में 02 वर्ष के कठोर कारावास, धारा 304/149 भारतीय दण्ड संहिता में 07 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20,000/-रूपये (बीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड, धारा 308/149 भारतीय दण्ड संहिता में 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10,000/-रूपये (दस हजार रूपये) के अर्थदण्ड, धारा 323/149 भारतीय दण्ड संहिता में 6 माह के कठोर कारवास तथा धारा 325/149 भारतीय दण्ड संहिता में 02 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000/-रूपये (पांच हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
15 अगस्त 2004 को खेतासराय के बारा खुर्द गांव में अनवर अली के बेटे वसीम अहमद अपनी कार से दुकान जा रहे थे। उनके साथ कलाम अहमद भी मौजूद थे। इस दौरान मजहरुल इस्लाम, मोहम्मद राशिद अंसारी और अन्य ने कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। वसीम के विरोध करने पर आरोपियों ने उन्हें गाड़ी से खींचकर मारपीट शुरू कर दी। वसीम किसी तरह जान बचाकर घर की ओर भागे। उनके पिता अनवर अली जब बीच बचाव के लिए घर से बाहर निकले तो आरोपियों ने लोहे की रॉड और बांस से उन पर हमला कर दिया। सिर पर बांस की चोट लगने से अनवर अली वहीं गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के दौरान शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और बीच-बचाव किया। घायल अनवर अली को तुरंत सोंधी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान रास्ते में उनकी मौत हो गई। स्वर्गीय अनवर अली के बेटे नसीम अहमद ने खेतासराय थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर दोषियों को 7 साल की सजा प्रत्येक दोषी पर 35000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है।