सिर कटी लाश तिहाड़ जेल के बाहर फेक पुलिस के लिए ख़त छोड़ने वाला ‘द बुचर ऑफ दिल्ली’ नाम से कुख्यात सीरियल किलर चढ़ा दिल्ली क्राइम ब्रांच के हत्थे

मो0 कुमेल

डेस्क: ‘द बुचर ऑफ दिल्ली’ के नाम से कुख्यात, सीरियल किलर चंद्रकांत झा की को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। चंद्रकांत झा उम्र कैद की सज़ा काट था था और वर्ष 2023 में पेरोल पर जेल से बाहर आया था। जिसके बाद वह फरार हो गया था। उसकी गिरफ़्तारी पर पुलिस ने 50 हजार का ईनाम रखा था। आखिर वह बिहार भागने की फिराक में पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।

वर्ष 1998 में आदर्श नगर इलाके में मंगल उर्फ औरंगजेब की हत्या। शव के टुकड़े अलग-अलग जगह फेंक दिए गए। 2003 में शराबी शेखर को झूठ बोलने के जुर्म में मौत के घाट उतार दिया।  उमेश, गुड्डू, अमित, उपेन्द्र और दिलीप—सात जानें सिर्फ इसलिए गईं क्योंकि इस दरिंदे को उनके तौर-तरीके, आदतें पसंद नहीं आईं। हर बार एक ही तरीका। हत्या करना और फिर शव के टुकड़े तिहाड़ जेल के बाहर फेंक देना। जैसे मानो पुलिस के मुंह पर तमाचा मार रहा हो।

तिहाड़ के बाहर लाशो के टुकड़े फेंकने वाला कोई और नहीं, बल्कि यही चंद्रकांत झा था। लाश के साथ पुलिस के लिए हर बार एक चिट्ठी छोड़ता था हरकतों को रोकने की चुनौती देता था। अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में ये सजा उम्रकैद में बदल दी गई। मगर ये दरिंदा अपनी सजा भुगतने के लिए तैयार नहीं था। अक्टूबर 2023 में उसे पैरोल मिली और उसके बाद से वो फरार हो गया।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम, अतिरिक्त आयुक्त संजय सेन की अगुवाई में, शुक्रवार को इस सीरियल किलर को पकड़ने में कामयाब हुई। उसे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया। जहा से वह बिहार भागने की तैयारी में था, मगर तब तक पुलिस ने उसे धर दबोचा।

पूछताछ में उसने साफ-साफ कहा कि वह दोबारा जेल नहीं जाना चाहता था। लेकिन अब, ये अपराधी फिर सलाखों के पीछे है। चंद्रकांत झा की कहानियां इतनी खौफनाक हैं कि नेटफ्लिक्स पर उस पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई ‘द बुचर ऑफ दिल्ली’। उसमें दिखाया गया था कि कैसे उसने छोटी-छोटी बातों पर लोगों की जान ली, और कैसे दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की।

मगर एक बार फिर, चंद्रकांत झा पुलिस की गिरफ्त में है। पर सवाल ये है… क्या हमारी व्यवस्था ऐसे दरिंदों के लिए तैयार है? वो पैरोल पर कैसे निकला? क्या ये गिरफ्तारी किसी नए खेल का हिस्सा है या वाकई इस खूनी की कहानी का आखिरी पन्ना लिखा जा चुका है?

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *