क़तर की जेल में बंद पूर्व नौसेना अधिकारियों के मामले में विदेश मंत्रालय ने बताया ‘उनका मामला स्थानीय कोर्ट में विचाराधीन है, पीएम मोदी ने भारतीय नागरिको की सुरक्षा और कल्याण हेतु क़तर के अमीर की सराहना की है’


आफताब फारुकी
डेस्क: क़तर में पूर्व नौसैनिक अफ़सर के जेल में बंद होने के सवाल पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है। कांसुलर, पासपोर्ट, वीज़ा और ओवरसीज़ इंडियन अफ़ेयर्स (सीपीवी एंड ओआईए) सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने कहा, ‘उनका मामला अभी क़तर की एक स्थानीय कोर्ट में विचाराधीन है और प्रधानमंत्री ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए अमीर और उनकी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की सराहना की है।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क़तर की जेलों में इस समय 600 भारतीय नागरिक बंद हैं और समय समय पर उन्हें रिहा किया गया है। साल 2024 में इसी तरह 85 नागरिकों को माफ़ी देकर रिहा किया गया। क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी की इस समय भारत की यात्रा पर हैं और दोनों देशों के बीच दो समझौते और पांच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।
मंगलवार को हुई द्विपक्षी वार्ता में दोनों देशों के रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने पर सहमति बनी। एक सवाल के जवाब में क़तर में भारत के राजदूत विपुल ने कहा, ‘क़तरी प्रशासन के कब्जे में कोई गुरु ग्रंथ साहिब नहीं है।’ बताते चले कि बीते अगस्त में भारत ने क़तर में गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां ज़ब्त किए जाने का मुद्दा उठाया था। बिना अनुमति के धार्मिक संस्थान चलाने के आरोप में क़तर प्रशासन ने ऐसा क़दम उठाया था।