मासूम से बलात्कार, 10 साल की सजा, जेल से छूटा फिर किया एक अन्य मासूम से रेप, सजा-ए-मौत से हाई कोर्ट से बचा और फिर किया मूकबधिर मासूम से बलात्कार कर उसकी हत्या, महाकुम्भ से लौटने पर ऐसे चढ़ा आदतन रेपिस्ट रमेश पुलिस के हत्थे


शफी उस्मानी
डेस्क: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में 11 वर्षीय मूकबधिर बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपित रमेश खाती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह इस घटना को अंजाम देने के बाद महाकुम्भ गया था, जहा से वापस लौटने पर पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया है। तीन राज्यों की पुलिस द्वारा इस हैवान की तलाश किया गया, सैकड़ो कैमरों की निग्राने के बाद यह हैवान गिरफ्तार हुआ है। रमेश की गिरफ्तारी के बाद जो जानकारी उसके बारे में निकल कर आई है वह वाकई चौकाने वाली है।
रमेश इसके पहले वर्ष 2003 में एक मासूम से दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा भुगत कर निकला तो उसने वर्ष 2014 में एक अन्य मासूम बच्ची का रेप किया, जिसमे अदालत ने उसको सजा-ए-मौत मुक़र्रर किया था। मगर हाई कोर्ट में उसके मामले में सबूतों के अभाव ने बचा लिया और हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उसको बरी कर दिया था। जिसके बाद उसने इस बार एक मूक बधिर बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसका गला दबा दिया। पीडिता की इलाज के दरमियान मौत हो गई। घटना को कारित करने के बाद रमेश महाकुम्भ चला गया था। वहाँ से वापस लौटने पर पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया है।
राजगढ़ पुलिस ने रमेश खाती, पुत्र घासीराम खाती (40) जो घटना स्थल नरसिंहगढ़ से 200 किलोमीटर दूर शाजापुर जिले के अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र के बड़ी पोलाए गांव का रहने वाला है को गिरफ्तार किया है। रमेश ने वर्ष 2003 में अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र में ही एक पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। पकड़ा गया तो 10 साल की सजा हुई। वर्ष 2013 में वह जेल से बाहर आया। कुछ महीनों बाद 2014 में उसने सीहोर के आष्टा में आठ साल की एक बच्ची के साथ हैवानियत की। इस मामले में निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई। पिता ने खेत बेचकर उसका मुकदमा लड़ा और 2019 में उच्च न्यायालय ने तकनीकी आधारों पर उसे बरी कर दिया।
इसके बाद एक-दो फरवरी 2025 की रात उसने राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में 11 साल की एक मूक-बधिक बच्ची को अपनी दरिंदगी का शिकार बना लिया। सुबह बच्ची गंभीर अवस्था में झाड़ियों में मिली थी। उसकी जान बचाने के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आठ फरवरी को उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने तीन फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कर अपराधी की तलाश शुरू की थी। 16 दिनों की छानबीन और छापेमारी के बाद उसे पकड़ा जा सका है। पुलिस ने उसे राजगढ़ के ही भोजपुर थाना क्षेत्र के होड़ा माता मंदिर के समीप से पकड़ा है। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा का कहना है कि पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि उसने दुष्कर्म के बाद बच्ची को जान से मारने के लिए गला दबाया था। वह निश्चिंत था कि बच्ची मर गई और अब उसे कोई नहीं पहचान पाएगा।
2014 में सीहोर की अदालत ने रमेश खाती को मौत की सजा सुनाई थी। अपील में उच्च न्यायालय में खाती के वकील यह साबित कर ले गए कि पहचान परेड में बच्ची के पिता मौजूद थे, जिन्होंने उसे इसकी पहचान के लिए बताया होगा। पता चला कि पुलिस ने पहचान परेड की वीडियोग्राफी नहीं कराई थी। न्यायिक अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहचान परेड की वीडियोग्राफी कराई होती तो वहां पिता की मौजूदगी होने के बाद भी न्यायालय में इसे मेनुपुलेशन साबित नहीं किया जा सकता था।
राजगढ़ पुलिस के मुताबिक आरोपित रमेश खाती अपनी 14 साल की बेटी से दुष्कर्म की कोशिश कर चुका है। इसकी वजह से इसका पत्नी से विवाद है। वह घर छोड़कर उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ही पड़ा रहता था। भंडारों में खाना खाता, गांजा पीता और छोटी-मोटी चोरियां कर अपना खर्च निकालता था। जिस रात उसने बच्ची को अगवा किया उसी रात नरसिंहगढ़ मंडी में एक विक्षिप्त महिला को शिकार बनाने की कोशिश की थी, लोगों के शोर मचाने पर वह भागा। एसपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि आरोपित नशे का आदी है। वह दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम देने के लिए मासूम बालिकाओं को इसलिए चुनता था कि बालिकाएं कुछ समझ नहीं पाती थी विरोध नहीं करती थी। जबकि वयस्क युवतियां और महिलाओं के साथ ऐसा करने के प्रयास पर विरोध का डर रहता था। यही कारण है कि उसने तीनों बार मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया है।