आरजी कर मेडिकल कालेज में ट्रेनी डाक्टर से रेप और मर्डर करने वाले संजय रॉय को फांसी की सज़ा मांगने वाली राज्य सरकार की याचिका हाई कोर्ट ने किया ख़ारिज


सबा अंसारी
डेस्क: कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर कांड के अभियुक्त संजय रॉय को फांसी की मांग वाली राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को ख़ारिज़ कर दिया है। सीबीआई ने भी इसी मांग में एक याचिका दायर की थी। अदालत ने उसे स्वीकार्य बताया है। शुक्रवार को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति देवांशु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद एस0 रशीदी की खंडपीठ ने यह फै़सला सुनाया है।
बीते साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। उनके साथ बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में संजय रॉय नामक एक सिविक वालंटियर को गिरफ़्तार किया गया था। बीते महीने सियालदह की एक अदालत ने इस मामले में संजय रॉय को आजीवन उम्रकै़द की सज़ा सुनाई थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में इस फै़सले को चुनौती दी थी। उसने अपनी याचिका में संजय को फांसी दिए जाने की मांग उठाई थी। बाद में सीबीआई ने भी इसी मांग में एक याचिका दायर करते हुए राज्य सरकार की याचिका की वैधता पर सवाल उठाया था।
अदालत ने कहा है कि इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इसलिए उसकी याचिका पर ही विचार किया जा सकता है, सरकार की याचिका स्वीकार्य नहीं है। इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील राजदीप मजूमदार की दलील थी कि एजेंसी ने भी संजय को फांसी की सज़ा दिए जाने की मांग की है। पीड़िता का परिवार, जांच एजेंसी या खुद अभियुक्त के हाईकोर्ट की शरण नहीं लेने की स्थिति में राज्य सरकार यह याचिका कैसे दायर कर सकती है। दूसरी ओर, राज्य सरकार की दलील थी कि जांच और कानून-व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है। इस घटना की जांच पहले पुलिस ने ही की थी। बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था। इसलिए राज्य सरकार की याचिका पर भी विचार किया जाना चाहिए।