कलयुगी बाप का जघन्य पाप: अपनी ही नाबालिग बेटी से शराब के नशे में दुष्कर्म करने वाले अनुराग को अदालत ने सुनाई 20 साल कैद-ए-बामशक्कत

शफी उस्मानी

वाराणसी: अपनी ही 13 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश तृतीय (पाक्सो एक्ट) विनोद कुमार की अदालत ने बुधवार को कलयुगी पिता अनुराग को दोषी पाते हुवे उसे 20 साल की कड़ी कैद व 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर उसको छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।

अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष शासकीय लोक अभियोजक संदीप कुमार जायसवाल ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष के मुताबिक सारनाथ थाना क्षेत्र के दानियालपुर निवासी अभियुक्त अनुराग गुप्ता की पत्नी की वर्ष 2010 में मृत्यु हो गई थी। बाद में उसने दूसरी शादी कर ली। पहली पत्नी से 13 वर्षीय बेटी के साथ दुर्व्यवहार न हो इसका ख्याल रखकर उसकी मौसी परवरिश करने लगी। बाद में नाबालिग बेटी को उसका पिता जबरदस्ती अपने साथ ले गया।

इसके बाद हुवे पति पत्नी के बीच एक पारिवारिक विवाद में 30 मार्च 2019 को बच्ची की सौतेली मां अपने बच्चों को लेकर मायके चली गई। जिसके बाद घर में पीड़ित बच्ची और उसका कलयुगी बाप ही सिर्फ थे. उसी रात शराब के नशे में अनुराग गुप्ता ने अपनी नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया। एक अप्रैल 2019 को पीड़िता की मौसी को इसकी जानकारी मिली। उसने दो अप्रैल को सारनाथ थाना में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल जांच और अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराने के बाद अभियुक्त के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पीड़िता समेत सात गवाह पेश किये। अदालत ने पीड़िता का यौन उत्पीड़न करने के साथ ही गाली-गलौज व धमकाने के आरोप का भी अभियुक्त को दोषी पाया।

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