गज़ापट्टी में ट्रंप के ‘गज़ा प्लान’ के मुखालिफ अरब देशो ने मुट्ठी भीच कर खड़ा किया ‘इजिप्ट प्लान’, पढ़े क्या है यूरोपीय देशो से समर्थन प्राप्त ‘इजिप्त प्लान’ साथ में पढ़े क्या था ट्रंप का ‘गज़ा प्लान’


तारिक आज़मी
डेस्क: पिछले कुछ दिनों से अमेरिकन राष्ट्र्पति के फैसलों पर सवाल उठने लगे है और अन्य देश इसका विरोध कर रहे है। ऐसे में सबसे बड़ा उदाहरण ईरान को ट्रंप द्वारा परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत का प्रस्ताव अथवा सैन्य कार्यवाही की बात थी। जिसके ऊपर ईरान के शीर्ष नेता खामनेई ने दो टुक में उनको जवाब देते हुवे कहा कि ‘ईरान धमकी देने वाले देशो से बात नहीं करता है।
अब दूसरा मामला ट्रंप का ‘गज़ापट्टी प्लान’ था, जिसके खिलाफ अरब देशो ने ‘इजिप्ट प्लान’ बना कर खड़ा कर दिया है जिसको यूरोपीय देशो का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है। कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गजा को लेकर एक प्लान सबके सामने रखा था। जिसमें गाजा पर नियंत्रण करने और वहां से लाखों फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने की बात कही थी। डोनाल्ड ट्रंप के इस प्लान को अरब देशों ने अस्वीकार कर दिया था। वहीं अब ट्रंप के गाजा प्लान के जवाब में इजिप्ट अपनी एक योजना लेकर आया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के इस प्लान को अरब देशों ने मंजूरी दे दी है।
इजिप्ट ने फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना गाजा के पुनर्निर्माण की व्यापक योजना तैयार की है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए काहिरा में 4 मार्च को एक आपातकालीन अरब सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में शामिल हुए अरब देशों ने इस प्लान को स्वीकार कर लिया है। बता दें मिस्र पहले भी 1948 से 1967 तक गाजा का प्रशासन देख चुका है। मिस्र की योजना के तहत इजरायल द्वारा लगभग पूरी तरह से नष्ट किए गजा को एक सुंदर शहर बनाया जाएगा। यहां शांति और सुरक्षा कायम करने से लेकर इस क्षेत्र में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के शासन को फिर से स्थापित करने का लक्ष्य है।
मिस्र की योजना के तहत गाजा का पुनर्निर्माण किया जाएगा। यहां पर घरों से लेकर हवाई अड्डे बनाएं जाएंगे। खास बात ये है कि फिलिस्तीनी आबादी को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। योजना में तीन प्रमुख चरण शामिल हैं: अंतरिम उपाय, पुनर्निर्माण और शासन। पहला चरण लगभग छह महीने तक चलेगा। जबकि अगले दो चरणों को चार से पांच वर्षों में पूरा किए जाएंगे। काहिरा के प्रस्ताव में कथित तौर पर गजा के भीतर ‘सुरक्षित क्षेत्र; स्थापित करने की बात कही गई है, जहां फिलिस्तीनी लोग शुरुआती छह महीनों तक रह सकते हैं, जबकि मिस्र और अंतर्राष्ट्रीय निर्माण कंपनियां क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को हटाकर उसका पुनर्वास करेंगी।
ब्लूप्रिंट के अनुसार, फिलिस्तीनी टेक्नोक्रेट्स की एक समिति छह महीने के दौरान सलाह अल-दीन स्ट्रीट से मलबा हटाने पर जोर देगी। बता दें ये गाजा पट्टी में मुख्य उत्तर-दक्षिण राजमार्ग है और किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने से पहले इससे मलबा हटाना सबसे अधिक जरूरी है। इजरायल हमले में ये सड़क पूरी तरह से मलबे से दब गई है। राजमार्गों और सड़कों को साफ करने के बाद 1।2 मिलियन लोगों के लिए 200,000 अस्थायी आवास इकाइयां बनाई जाएंगी। साथ ही युद्ध के दौरान क्षतिग्रस्त हुई 60,000 इमारतों की मरम्मत की जाएगी।
अगले दो चरणों में योजना के तहतकम से कम 400,000 स्थायी घर बनाना है, साथ ही गाजा के बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का पुनर्निर्माण करना है। साथ ही पानी की सुविधा दूरसंचार सेवाएं और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी बहाल की जाएंगी। योजना के अंतिम चरण में एक संचालन एवं प्रबंधन परिषद की स्थापना की जाएगा। जो गाजा में अंतरिम शासी निकाय को सहायता देने वाली एक वित्तीय निधि होगी। अल जजीरा में छपी खबर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठनों, विदेशी और निजी क्षेत्र के निवेशों से ये राशि प्राप्त की जाएगी।
क्या है ट्रंप का ‘गज़ा प्लान’
अब बात करते है कि ट्रंप का गज़ा प्लान क्या है। ट्रंप ने गज़ा के पुनर्वास हेतु जो प्लान बनाया है उसको अरब देश सिरे से खारिज कर चुके है। जबकि ‘इजिप्ट’ प्लान पर यूपोरिय देशो का समर्थन अरब देशो द्वारा बनाये गए प्लान की सत्यता को मान रहा है। आइये पढ़े ट्रंप का क्या था गज़ा प्लान:
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में गाजा की फिलिस्तीनी आबादी को पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था।
- ट्रंप की योजना मुताबिक जो गाजावासी जाएंगे, उन्हें वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- इसमेंअमेरिका के गाजा का नियंत्रण संभालने, वहां के निवासियों को मिस्र और जॉर्डन भेजने और मध्य पूर्व में कथित तौर पर रिवेरा बनाने की योजना थी।
- क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप की योजना की तीखी आलोचना हुई थी। लेकिन प्रस्ताव का इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोरदार समर्थन किया था।
- 10 फरवरी को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायल गाजा पट्टी पर अमेरिकी राष्ट्रपति के ‘क्रांतिकारी, रचनात्मक दृष्टिकोण’ पर चर्चा कर रहा है।
- ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा ट्रंप के प्लान पर कहा था, गाजा और फिलिस्तीन के लिए अमेरिका की ‘मूर्खतापूर्ण’ योजना ‘कहीं नहीं पहुंचाएगी।
- वैश्विक जनमत अब फिलिस्तीन के पक्ष में है’ इसलिए प्रतिरोध और गाजा के लोगों की सहमति के बिना कोई भी योजना सफल नहीं होगी।