सतह पर दिखाई देते समुन्द्र की गहराइयो में रहने वाले ये समुंदरी शैतान क्या किसी तबाही के तरफ इशारा कर रहे है, जाने क्या कहते है वैज्ञानिक


तारिक आज़मी
डेस्क: स्पेन के टेनेरिफ तट पर जो एंगलरशिप देखी गई, वो मादा थी। काले रंग की दमकती हुई इस मछली के दांत लंबे और नुकीले होते हैं। सिर के ऊपर एक लचीला सा ‘एंटीना’ होता है। ये शिकार को इसकी तरफ आकर्षित करता है। समुद्र के भीतर डर का पर्याय मानी जाती है ये मछली। बड़े ही शातिर तरीके से शिकार करती है और समुद्र के इकोसिस्टम में अहम रोल निभाती है।
अमूमन समुद्र की गहराइयों में रहने वाली यह मछली स्पेन के एक तट के पास दिखाई दी है। ये मछली अटलांटिक, प्रशांत और हिंद महासागरों में पाई जाती है। समुद्र की सतह से 500 से 4500 मीटर की गहराई पर घुप्प अंधेरे में रहती है। इसको सी डेविल यानि समुंदरी शैतान भी कहा जाता है।
इसके पहले पिछले महीने मेक्सिको में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यहां 9 फरवरी के दिन एक तट पर ओरफिश को उथले पानी में देखा गया। बीच पर पहुंचे एक शख्स रॉबर्ट हायेस ने एक्यूवेदर को बताया, ‘वो मछली हमारी ही दिशा में आ रही थी। बार-बार अपना सिर उठा रही थी।’ हायेस ने और लोगों के साथ मिलकर मछली को वापस से समुद्र में ढकेलने की कोशिश की, लेकिन मछली बार-बार वापस आती रही।
A deep-sea creature rarely seen by humans called the oarfish has washed ashore in Mexico!
Legend has it that this mysterious “doomsday fish” only emerges from the ocean’s depths when disaster is near
pic.twitter.com/NciJ7jbEbo— FearBuck (@FearedBuck) February 18, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पिछले साल कम से कम तीन बार ओरफिश को समुद्र की सतहों पर देखा गया। वहीं पिछले महीने मेक्सिको के अलग-अलग तटों पर भी ये नजर आई। एक-दो जगह पर इन्हें मृत भी पाया गया। 9 फरवरी वाले दिन के घटनाक्रम का एक वीडियो X पर पोस्ट किया गया। फियरबक नाम के यूजर ने वीडियो डालते हुए लिखा, ‘एक डीप सी क्रीचर को मेक्सिको के एक तट पर देखा गया। दुर्लभ ही है कि जब इनका वास्ता इंसानों से पड़ता हो। कहावतें हैं कि इस मछली का दिखना तबाही की निशानी है।’
ओरफिश को ‘सी सरपेंट’ कहा जाता है। यानी समुद्री सांप। साल 2013 में एक 5।4 मीटर लंबी ओरफिश को कैलिफोर्निया के तट पर देखा गया था। ऐसा ही कुछ 2017 में फिलीफीन्स में हुआ, जहां एक मछली पकड़े वाले ने अपने जाल में दो ओरफिश फंसाईं। ओरफिश समुद्र में हजार फीट तक की गहराई में रहती है। जापानी मान्यताओं के चलते इसे ‘डूम्सडे फिश’ भी कहा जाता है।
ये दुनिया की दुर्लभतम जेलीफिश है। समुद्र में 1000 से 4000 मीटर की गहराई में पाई जाती है। साल 2022 में कैलिफोर्निया के एक तट पर नजर आई थी। देखा गया कि इसके हाथ बहुत लंबे थे। 10 मीटर तक फैल सकते थे। इनका आकार रिबन जैसा था। तस्वीरें देखने के बाद वैज्ञानिक हैरत में पड़ गए थे। समुद्र के भीतर रहने वाले इन जीवों के सतह पर दिखने को लेकर कई बातें हो रही हैं। कहा जा रहा है कि कोई बड़ी त्रासदी होने वाली है। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्रों के बहाव पैटर्न में हो रहे बदलाव, सतह के नीचे बदल रहे वातावरण और शायद इन जीवों के बीमार हो जाने की वजह से वो ऊपर आ रहे हैं।
वैज्ञानिक एक बड़ी समस्या की तरफ भी इशारा कर रहे हैं। जो जलवायु परिवर्तन है। क्लाइमेट चेंज हमारे समय की एक प्रमुख समस्या है। जलवायु परिवर्तन की वजह से जो गर्मी बढ़ रही है, उसका 90 फीसदी हिस्सा समुद्र सोख लेते हैं। इसके चलते समुद्रों का तापमान बढ़ रहा है। तापमान बढ़ने की वजह से समुद्री पानी में मौजूद पोषक तत्वों पर भी असर पड़ रहा है। पानी में मौजूद ऑक्सीजन में भी असंतुलन आ रहा है। गहराई में ऑक्सीजन की सप्लाई घट रही है। समुद्री पानी में पोषक तत्वों का संतुलन ‘मरीन स्नो’ से बनता है। पाइथोप्लैंकटन सेल्स और बैक्टीरिया ‘पॉर्टिकुलेट ऑर्गैनिक कॉर्बन फ्लक्स’ के तौर पर इन जीवों के पास पहुंचते हैं। लेकिन अब ये मात्रा घट रही है। साथ में तापमान भी बढ़ रहा है। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि ऑक्सीजन, खाने और बेहतर रिहाइश की तलाश में ये डीप सी क्रीचर ऊपर आ रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इन समुद्री जीवों को ठंडे वातावरण की तलाश है। दोनों तरह के जीवों को। जो सतह के पास रहते हैं और जो ‘सी डेविल’ की तरह गहराई में। ऐसे में ये जीव ध्रुवों की तरफ जा रहे हैं। क्योंकि ध्रुवों पर बर्फ है। लेकिन गहराई में रहने वाले जीवों के प्रवास की दर सतह पर रहने वाले जीवों के प्रवास की दर से चार गुना अधिक है। मतलब, अगर सतह के पास रहने वाला कोई एक समुद्री जीव ध्रुवों की तरफ जा रहा है, तो गहराई में रहने वाले चार जीव ऐसा कर रहे हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस सदी के आखिर-आखिर में ये दर बढ़कर 11 गुना तक हो जाएगी।