सौरभ राजपूत हत्याकांड: तीन घंटे चला पोस्टमार्टम, डाक्टरों ने बताया ‘हाथ अलग…. गर्दन अलग…. चाक़ू दिल के आरपार……! पहले नहीं देखा ऐसा दिल दहला देने वाला क़त्ल’


सबा अंसारी
डेस्क: मेरठ में हुवे सबसे बेरहम क़त्ल सौरभ राजपूत हत्याकांड जिसने देश को हिला कर रख दिया है में मृतक सौरभ का पोस्टमार्टम करीब डेढ़ घंटे तक चला और इसके बाद सफेद चादर में लिपटा कर सौरभ का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने बताया है कि ऐसा बेरहम क़त्ल हमने पहले कभी नही देखा। तीन चाक़ू सौरभ के सीने पर मारे गए थे। जो दिल के आरपार हो गये थे।
न्यूज 18 से बात करते हुए सीएमओ अशोक कटारिया ने बताया कि उन्होंने अपने तीस साल के करियर में ऐसा केस नही देखा था। लाश की स्थिति बेहद खराब थी। उन्होंने बताया, ‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया ये मालूम होता है कि सौरभ की हत्या लगभग दो हफ्ते पहले की गई थी। इसके बाद सीमेंट डालकर स्किन को गलाने की कोशिश की गई थी। बॉडी के कई पार्ट्स के अंदर सीमेंट मिला है। उसके दांत हिल रह थे और स्किन ढीली पड़ गई थी। ऐसा लग रहा था जैसे किसी को सौरभ से काफी ज्यादा नफरत थी।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेरठ हत्याकांड में सौरभ राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि गर्दन के चारों ओर घाव था। दाहिने कान से 7 सेंटीमीटर नीचे, जबड़े के दाहिने से 4 सेंटीमीटर नीचे, ठोड़ी से 6 सेंटीमीटर नीचे, बाएं कान से 8 सेंटीमीटर नीचे, जबड़े के बाएं कोने से 4 सेंटीमीटर नीचे घाव के निशान मिले हैं। यहीं से सिर को धड़ से अलग किया गया है। वहीं, बाईं छाती पर 3 घाव हैं। जिनमें से एक गहरा घाव 6cm का है।
चाकू से वार इतनी जोर लगाकर किया गया था कि चाकू दिल को चीरते हुए निकल गया। इसके अलावा सौरभ के पैर धड़ की तरफ मुड़े हुए थे। जो इतने ज्यादा सख्त हो गए थे कि उन्हें सीधा करना भी मुश्किल था। वहीं, हाथ कलाइयों से अलग थे और गर्दन धड़ से अलग थी। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार, 19 मार्च को शाम पांच बजे सफेद चादर में लिपटा शव ब्रह्मपुरी के इंदिरानगर में लाया गया। पड़ोसी यह देखकर चौंक गए कि शव लंबाई में कम और चौड़ाई में ज्यादा दिख रहा था। क्योंकि पैर धड़ की तरफ मुड़े हुए थे। इससे धड़ चौड़ा लग रहा था।