अनैतिक देह व्यापार, अवैध शारीरिक सम्बन्धो और बड़े जुआ का अड्डा बने सिगरा थाना क्षेत्र स्थिति कैंट के ये ‘चद्दर बदल’ होटल, बिना आईडी और लोकल आईडी के साथ भी उपलब्ध करवाते है कपल्स को कमरे


तारिक आज़मी
वाराणसी: वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस हर अवैध कामो को रोकने की पूरी कोशिश करती है, मगर बाहुबली और सेटर पुलिस के हर एक मनसूबे पर पानी फेर रहे है। अगर देहव्यापार की बात करे तो रेड लाइट एरिया बेमतलब का ही जिस्म के बाज़ार के तौर पर बदनाम है। यह गोरखधंधा असल में तो सिगरा थाना क्षेत्र के कैंट स्थित कुछ होटलों द्वारा संचालित हो रहा है। जहा अनैतिक देह व्यापार से लेकर बिना आईडी के कपल्स को कमरे तक उपलब्ध करवा कर भारतीय सभ्यता को तार तार किया जा रहा है।
चंद सिक्को के फायदे के लिए आने वाले नवजवान कपल्स को घंटे के अनुसार कमरे मिल जाते है। एक नहीं बल्कि सैकड़ो ऐसे मामले पुलिस के संज्ञान में आये जिसमे युवती ने झांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाने के आरोप लगाये और बलात्कार के मामलो में युवक जेल गए। अधिकतर घटनाओं में कैंट स्थित होटलों के नाम प्रकाश में आये और कई चार्जशीट में ऐसे होटलों का ज़िक्र भी हुआ कि अमुक होटल में युवक ले जाकर शारीरिक सम्बन्ध बनाता था। मगर कभी भी ऐसे होटल मालिको से पूछताछ नहीं हुई कि आखिर लोकल आईडी पर किस प्रकार और किस नियमो के तहत कमरे उपलब्ध घंटे के दर से आपके द्वारा करवाया जाता है।
कभी भी पुलिस ने किसी भी ऐसे मामले में होटल के लाइसेंस को रद्द करने के लिए रिपोर्ट नहीं भेजी और न ही कभी ऐसे होटलों पर कड़ी कार्यवाही हुई। जिसका नतीजा है कि हिम्मत ऐसे बाहुबलियों और भूमाफियाओं की बढती जा रही है। इसी क्रम में सिगरा थाना क्षेत्र स्थित फुलमंडी के पास एक विवाहित जोड़े जो हमारे सूत्र है और वाराणसी के मूल निवासी है को भेजा और हमारे सूत्र ने कमरे की मांग किया। आधार मांगे जाने पर एक आधार दिया गया, और एक हज़ार से मोल भाव करते हुवे साहब बहादुर महज़ 500 रूपये घंटे पर कमरा देने को तैयार हो गए।
हमारे सूत्र का कहना है कि कमरे की स्थिति इस बात को जोर जोर से चीख चीख कर कह रही थी कि इस कमरे में रोज़ ही कई बार अबरू तार तार होती है। कमरे में ही सॉफ्ट ड्रिंक अपने मौजूदा कीमत से दुनी कीमत पर उपलब्ध हो जाती है और कमरे के अन्दर आप जो मर्ज़ी करे एक घंटे के बाद सिर्फ दरवाज़ा खटखटा कर एक घंटा होने का सिंग्नल दिया जाता है। घंटा पूरा होने के बाद आपको अगले घंटे का चार्ज देना होगा अथवा अगर आप अपनी मनोइच्छा पूरी कर चुके है तो फिर आपको कमरा छोड़ना होगा। आधार कार्ड की फोटो कापी भी नहीं रखा जाता है और पैसे लेकर चलता किया जाता है।
ऐसे होटलों पर पुलिस की टेढ़ी निगाह न पड़े इसके लिए हमारे सूत्र बताते है कि फैंटम दस्ते को सेट रखा जाता है। हर गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए थाने के कारख़ास को मैनेज किया जाता है और रोज़ ही एक एक कमरा चार से पांच घंटे की बुकिंग पर बुक होता है। बताया गया कि होटल एक समाजसेविका का है जिसको एक बाहुबली ने लीज़ पर ले रखा है। होटल के समस्त मानको की अगर जांच हो तो होटल मानक के अनुरूप नही मिलेंगे। जिस वक्त हमारे सूत्र इस होटल के अन्दर थे उनको इस बात का अहसास हुआ कि आसपास के चार-पांच कमरों में कपल्स रंगरलियाँ मनाने में व्यस्त है।
हमारे अतिगोपनीय सूत्रों के अनुसार रात को ऐसे ‘चद्दर बदल’ होटलों में जमकर जुआ की फड बैठती है और होटल को लीज़ पर लेने वाला इस फड से ‘नाल’ भी उतारता है। ये नाल की रकम भी कोई छोटी मोटी रकम नही बल्कि लगभग 50 हज़ार रोज़ की होती है। बड़े पैमाने पर जुआ होता है और बड़े जुआड़ी यहाँ बैठते है। वही विभागीय सूत्रों की माने तो इसके कर्ताधर्ता एक बाहुबली है और विभाग को हडदब में लेने के लिए ऐसे ही छोटी मोटी आईजीआरएस करके विभाग पर दबाव डालता है। यही कोई दरोगा या कोई पुलिस कर्मी इसके खिलाफ जाकर इसके अवैध कामो पर अंकुश लगाने की पहल करता तो उसको तबादला तक की धमकी सीधे दे डालता है।
अब एक बड़ा सवाल ये है कि वाराणसी पुलिस कमिश्नर कैंट स्टेशन के आस्पा स्थित इन होटलों पर कब सख्त कदम उठायेगे। इसके पहले वर्तमान एडीसीपी वरुणा जब एसीपी चेतगंज थी तो उन्होंने ऐसे ही एक होटल पर छापेमारी किया था और कई कपल्स मौके पर पकडे गए थे जो इस प्रकार लोकल आईडी अथवा बिना आईडी के कमरे उपलब्ध करवाता है। मिली जानकारी के अनुसार वह होटल आज भी सीज है। क्या ऐसी एक दो और कार्यवाही फुलमंडी के आसपास स्थित होटलों पर नही हो सकती है। क्या उन होटलों के रजिस्टर और कमरे में मौजूद लोगो का मिलान नहीं हो सकता है। वैसे इस पुरे मामले में सिगरा के एक पुलिस कर्मी और रोडवेज चौकी से सम्बन्धित एक पुलिस कर्मी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध दिखाई देती है।