मुल्क के गद्दार: फिरोजाबाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैनात रविन्द्र करता था पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के लिए काम, चढ़ा एटीएस के हत्थे

तारिक खान

डेस्क: होली के दिन, यानी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश एटीएस (आतंकरोधी दस्ते) ने पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में रविंद्र कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ये व्यक्ति फिरोज़ाबाद आर्डिनेंस फैक्ट्री में बतौर चार्जमैन काम कर रहा था।

एटीएस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल नीलाब्जा चौधरी ने कहा कि रविंदर कुमार, नेहा नाम की एक महिला के संपर्क में थे, जो आईएसआई हैंडलर थीं और हनी ट्रैप के ज़रिए लोगों को फंसाकर संवेदनशील जानकारी निकालते थे। एटीएस के मुताबिक रविंद्र ने अपने आईएसआई हैंडलर के साथ गोपनीय जानकारी साझा की है और गगनयान के बारे में भी ख़ुफिया जानकारी उन्हें दी है।

आगरा के बिंदू कटरा मोहल्ले में रविंद्र कुमार का पैतृक घर है, एटीएस का कहना है कि इस मामले में वो अभी पूछताछ कर रही है। इससे पहले 12 मार्च को आगरा में रविन्द्र से पूछताछ की गई थी। रविंद्र कुमार आगरा के बिंदू कटरा मोहल्ले का निवासी हैं और मिली जानकारी के मुताबिक़ वो रोज़ना फिरोज़ाबाद आता जाता है। सुबह 8 बजे घर से जाने के बाद रात्रि 10 बजे घर वापस आता है। मोहल्ले में किसी से भी उसका घनिष्ठ सम्बन्ध शायद इसीलिए नहीं है।

इस मामले पर एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि एटीएस यूपी और सहयोगी एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि रविंद्र कुमार नाम का एक शख्स अपने पाकिस्तानी हैंडलर के साथ गोपनीय और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा है। उन्होंने बताया, ‘इस पर हमारी आगरा इकाई ने रविंद्र कुमार से प्रारंभिक पूछताछ की। विस्तृत पूछताछ के लिए उन्हें एटीएस मुख्यालय बुलाया गया, जहां यह साबित हुआ कि उन्होंने नेहा नामक एक हैंडलर के माध्यम से बहुत संवेदनशील जानकारी साझा की थी।’

नीलाब्जा चौधरी ने दावा किया कि यह आईएसआई मॉड्यूल लंबे समय से चल रहा है। इसके बादे में उन्होंने बताया कि ये लोगों को फंसाते हैं और उनसे ऐसी जानकारियां निकालते हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘रविंद्र कुमार से पूछताछ करने पर हमें पता चला कि वह समय-समय पर अपने हैंडलर के साथ जानकारी साझा करता था। इसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (जहां वो काम करते थे) की दैनिक उत्पादन रिपोर्ट और स्टोर की रसीद, सामान लाने-ले जाने से जुड़े अन्य दस्तावेज, आने वाला स्टॉक, उत्पादन की मांग जैसे सभी जानकारी शामिल थी।’

एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने कहा एटीएस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य संदिग्ध लोगों की भी तलाश कर रही है। हालांकि एटीएस के रविंद्र कुमार के पास सिर्फ 6220 रूपए, एक बैंक का डेबिट कार्ड, पोस्ट ऑफिस के डेबिट कार्ड और पैन और आधार कार्ड बरामद हुआ है। एटीएस ने भारत न्याय संहिता की धारा 148 (देश के ख़िलाफ़ साजिश रचने) और ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3, 4 और 5 में एफ़आईआर की गई है। हालांकि रविंद्र की पत्नी आरती का कहना है कि उनके पति को साजिश के तहत फंसाया गया है। आरती ने मीडिया से कहा कि उन्हें गिरफ्तारी की ख़बर पर यक़ीन नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि उनके पति को फंसाया गया है।

आरती ने कहा, ‘मेरे पति को हनी ट्रैप में फंसाया गया है। वो एक बेहद साधारण व्यक्ति हैं मुझे कभी उन पर कोई संदेह नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि उनके साथ कोई बड़ी साजिश हुई है। एटीएस के अधिकारी जब घर पर आए थे तो उन्होंने कहा था कि उन्हें फ़ोन चेक करना है। लेकिन बाद में उन्होंने इतना बड़ा मामला बना दिया। एटीएस ने मरे पति से मेरी बात भी नहीं कराई है।’ आरती का कहना है कि वह अब अधिवक्ता से सलाह के बाद ही कोई बात करेगी।

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